अनुभव ले जाएगा आपको शून्य से शिखर तक

Jul 03 2020

2020 में दुनिया अब तक कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर चुकी है. जिसमे भूकंप, चक्रवात, टिड्डियों का हमला, जंगल की आग के साथ-साथ कोरोना जैसी महामारी ने भी लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। इन आपदाओं ने बहुत ही कम समय में दुनिया के हालात बेहद गंभीर कर दिए है, लेकिन यह दुनिया की प्रगति को नहीं रोक सके। समय का चक्र चलता रहता है और इसके अनुसार हमें भी चलना पड़ता है. अब हमने नव-निर्माण के युग में प्रवेश किया है जो हमें जीवन के नए पहलुओं से परिचित कराएगा।
वर्तमान में समय हमारे सामने कई चुनौतियाँ खड़ी कर रहा हैं। इन प्राकृतिक चुनौतियों के कारण हर कोई भावनात्मक रूप से टूट चूका हैं। यह निश्चित रूप से हम सभी के लिए कठिन समय है, लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए कि समय निरंतर चलता रहता है। आज रात है तो कल सवेरा जरुर होगा. इसी उम्मीद के साथ हमें फिर से आगे बढ़ना होगा.
विपत्तियां तो आती-जाती रहेंगी और आपको प्रभावित भी करेंगी. लेकिन आपके अलावा कोई और आपकी इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प को नहीं डिगा सकता। वर्तमान परिस्थितियों के कारण हो सकता है आपकी नौकरी चली गई हो या व्यवसाय में आपका नुकसान हुआ हो. लेकिन आपने जीवन में जो खोया है, उसे फिर से पाने का समय आ गया है। इस बार खुद को साबित करने के लिए आपके पास अनुभव भी होगा।
प्रतिष्ठित जनसम्पर्क कंपनियों में से एक के संस्थापक श्री अतुल मलिकराम के अनुसार, "वर्तमान में, हम अपने भविष्य के बारे में सोचते हुए अलग-अलग रास्तों के साथ दुराहें पर खड़े हैं।  जीवन को पुनः पहले की तरह प्रारंभ करना निश्चित रूप से बहुत अलग है, लेकिन यह असंभव भी नहीं है। जो चला गया है उसके बारे में सोच कर समय व्यर्थ करना उचित नहीं है। यह समय पुनः उत्थान का समय है। इन आपदाओं के कारण अवश्य ही हमारे चारों और संकट के बादल छा गए हो, लेकिन सफलता को पाने के लिए हमारे पास अभी भी अनुभव का साथ है।
हमने परिणाम की चिंता किए बगैर नई दुनिया में प्रवेश किया है। हो सकता है आपने अपना सब कुछ खो दिया हो, लेकिन जिस अनुभव को आपने जीवन में पाया हैं वह जीवन के अंत तक आपके साथ रहेगा। वर्तमान में, समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इन विपत्तियों के खिलाफ लड़ने के लिए एक साथ आगे आना होगा। आपको अपनी क्षमताओं पर भरोसा करना होगा और एक समृद्ध और प्रगतिशील समुदाय बनाने के लिए एक दूसरे की मदद करनी होगी। इन आपदाओं और त्रासदियों को मनुष्यों के लिए एक रिमाइंडर के रूप में माना जा सकता है ताकि उन्हें याद दिलाया जा सके कि हमें मानवता के मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।