आसिफ और सौम्या ने मिलकर प-सजय़ा ‘जरा फासलों से मिला करो‘
May 15 2020
कोविड-ं19 के फैलने के साथ लोगों को लाॅकडाउन के नियमों का पालन करना पड़ रहा है और सामाजिक दूरी बनाकर रखनी पड़ रही है। हर किसी के नोबल को ब-सजय़ाने और इस महामारी के फैलने पर घर के अंदर रहने के लिये प्रेरित करने के लिये, एण्ड टीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं’ के एक्टर्स, आसिफ शेख और सौम्या टंडन ने मिलकर, बशीर बद्र की मशहूर नज़्म ‘जरा फासलों से मिला करो’ प-सजय़ी। उस नज़्म के कुछ अंश यहां दिये गये हैंः
यूं ही बेहिसाब ना फिरा करो, कोई शाम घर पर रहा करो, वो गज़ल की सच्ची किताब है, उसे चुपके-ंउचयचुपके प-सजय़ा करो, कोई हाथ भी नहीं मिलायेगा, जो गले मिलोगे तपाक से, ये नये मिज़ाज का शहर है ज़रा फासलों से मिला करो! इस अनूठी पहल के बारे में बताते हुए, आसिफ शेख कहते हैं, ‘‘मु-हजये हमेशा से ही बशीर बद्र की शायरी लिखने का अंदाज और जिस तरह से वह दुनिया और लोगों को देखने के अनुभव को शब्दों और पद्यों के माध्यम से कलमबद्ध करते है, वह पसंद रहा है। इस नज़्म को प-सजय़ने का हम सबका अनुभव बहुत ही ब-िसजय़या था। सौम्या और मैं कविताओं के कायल हैं और काफी लंबे समय से कविता से जुड़ी कोई चीज करना चाह रहे थे। लेकिन अपने काम की वजह से, हमें वक्त ही नहीं मिला। लेकिन इस लाॅकडाउन ने हमें वह मौका दिया है कि हम अपनी इतने दिनों की ख्वाहिश को हकीकत में बदल सकें। हम दोनों ही इस बात को लेकर बेहद उत्सुक हैं और यह काफी अच्छा बनकर तैयार हुआ है। ये पंक्तियां, ‘यूं ही बेहिसाब ना फिरा करो’ जिस तरह से लिखा गया, वह मौजूदा हालात का बिलकुल सही वर्णन करती हैं। इसलिये हमने सोचा कि इसे प-सजय़ा जाये।’’इस खूबसूरत पाठ के बारे में सौम्या टंडन कहती हैं, ‘‘कविता कला का एक पारंपरिक रूप है, जोकि जीवन के अलग-ंउचयअलग पहलुओं, उनके लोगों, उनके संघर्षों तथा उनकी भावनाओं को शब्दों के माध्यम से सशक्त तथा प्रभावी तरीके से बयां करती हैं।
क्रिएटिविटी की तरफ रु-हजयान होने और कविता की मुरीद होने की वजह से, यह बहुत ही स्वाभाविक था कि हमने अपनी भावनाओं और मनोदशा को व्यक्त करने के लिये कविता को माध्यम के तौर पर चुना। भले ही इसे चार दशक पहले मशहूर शायर बशीर बद्र ने लिखा हो, लेकिन यह नज़्म इस मुश्किल घड़ी में हर किसी की भावनाओं को बखूबी बयां करती है। मैं यह कह सकती हूं कि आज के समय और दौर में यह बिलकुल ही सटीक है। आसिफ जी और मैं काफी समय से ऐसा कुछ करने के बारे में सोच रहे थे। हमने सोचा कि अपने आइडिया को साकार करने का सही समय यही है। हम इसके लिये काफी उत्साहित हैं और अपने फैन्स तथा फाॅलोअर्स के लिये इसी तरह के और काॅन्सेप्ट लाने की उम्मीद है। अपने फेवरेट एक्टर्स आसिफ शेख और सौम्या टंडन को ‘जरा फासलों से मिला करो’ को प-सजय़ते हुए तो देखना ना भूलें, यह वीडियो बुधवार, 13 मई को उनके सोशल मीडिया पेज पर लाइव हो रहा है।
यूं ही बेहिसाब ना फिरा करो, कोई शाम घर पर रहा करो, वो गज़ल की सच्ची किताब है, उसे चुपके-ंउचयचुपके प-सजय़ा करो, कोई हाथ भी नहीं मिलायेगा, जो गले मिलोगे तपाक से, ये नये मिज़ाज का शहर है ज़रा फासलों से मिला करो! इस अनूठी पहल के बारे में बताते हुए, आसिफ शेख कहते हैं, ‘‘मु-हजये हमेशा से ही बशीर बद्र की शायरी लिखने का अंदाज और जिस तरह से वह दुनिया और लोगों को देखने के अनुभव को शब्दों और पद्यों के माध्यम से कलमबद्ध करते है, वह पसंद रहा है। इस नज़्म को प-सजय़ने का हम सबका अनुभव बहुत ही ब-िसजय़या था। सौम्या और मैं कविताओं के कायल हैं और काफी लंबे समय से कविता से जुड़ी कोई चीज करना चाह रहे थे। लेकिन अपने काम की वजह से, हमें वक्त ही नहीं मिला। लेकिन इस लाॅकडाउन ने हमें वह मौका दिया है कि हम अपनी इतने दिनों की ख्वाहिश को हकीकत में बदल सकें। हम दोनों ही इस बात को लेकर बेहद उत्सुक हैं और यह काफी अच्छा बनकर तैयार हुआ है। ये पंक्तियां, ‘यूं ही बेहिसाब ना फिरा करो’ जिस तरह से लिखा गया, वह मौजूदा हालात का बिलकुल सही वर्णन करती हैं। इसलिये हमने सोचा कि इसे प-सजय़ा जाये।’’इस खूबसूरत पाठ के बारे में सौम्या टंडन कहती हैं, ‘‘कविता कला का एक पारंपरिक रूप है, जोकि जीवन के अलग-ंउचयअलग पहलुओं, उनके लोगों, उनके संघर्षों तथा उनकी भावनाओं को शब्दों के माध्यम से सशक्त तथा प्रभावी तरीके से बयां करती हैं।
क्रिएटिविटी की तरफ रु-हजयान होने और कविता की मुरीद होने की वजह से, यह बहुत ही स्वाभाविक था कि हमने अपनी भावनाओं और मनोदशा को व्यक्त करने के लिये कविता को माध्यम के तौर पर चुना। भले ही इसे चार दशक पहले मशहूर शायर बशीर बद्र ने लिखा हो, लेकिन यह नज़्म इस मुश्किल घड़ी में हर किसी की भावनाओं को बखूबी बयां करती है। मैं यह कह सकती हूं कि आज के समय और दौर में यह बिलकुल ही सटीक है। आसिफ जी और मैं काफी समय से ऐसा कुछ करने के बारे में सोच रहे थे। हमने सोचा कि अपने आइडिया को साकार करने का सही समय यही है। हम इसके लिये काफी उत्साहित हैं और अपने फैन्स तथा फाॅलोअर्स के लिये इसी तरह के और काॅन्सेप्ट लाने की उम्मीद है। अपने फेवरेट एक्टर्स आसिफ शेख और सौम्या टंडन को ‘जरा फासलों से मिला करो’ को प-सजय़ते हुए तो देखना ना भूलें, यह वीडियो बुधवार, 13 मई को उनके सोशल मीडिया पेज पर लाइव हो रहा है।
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Rajesh Jaiswal
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