भगवान शंकर की सर्वश्रेष्ठ पूजा है पार्थिव शिवलिंग निर्माण: आचार्य शुक्ला

Sep 05 2019



 से 12 सितंबर 2019 तक निरंतर चलने वाली पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं शिवअर्चन का महायज्ञ आज तुलसी मानस प्रतिष्ठान फूलबाग पर प्रारंभ हुआ। 
           पंडित सत्यप्रकाश शुक्ला और और पंडित अरविंद कुमार शुक्ला एवं 11 अन्य विद्वान ब्राह्मणों द्वारा शिवलिंग निर्माण एवं शिवअर्चन पूर्ण मनोयोग से प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य यजमान श्रीमती दिव्या राकेश जादौन, श्रीमती कमलेश शिवकुमार शर्मा, श्रीमती शकुंतला विहवल सेंगर, श्रीमती शर्मिला भूपेंद्र सिंह परिहार, रेशु राजावत।
        पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं शिव अर्चन की महिमा को बताते हुए पंडित सत्य प्रकाश शुक्ला लल्लन महाराज जी ने कहा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के सबसे अनन्य व प्रिय देवता भगवान शिव हैं, स्वयं भगवान श्री राम ने दो बार पार्थिव शिवलिंग का पूजन व अभिषेक कर इसकी धार्मिकता एवं वैज्ञानिकता को प्रमाणित किया है। इसलिए कहा जा सकता है कि भगवान शंकर की सर्वश्रेष्ठ पूजा पार्थिव शिवलिंग की पूजा है। शिवपुराण के अनुसार पार्थिव पूजन से धन-धान्य, आरोग्य के साथ ही पुत्र की प्राप्ति होती है। जो दम्पति पुत्र प्राप्ति के लिए कई वर्षों से तड़प रहे हैं, उन्हें पार्थिव लिंग का पूजन अवश्य करना चाहिए। पार्थिव लिंग के पूजन से अकाल मृत्यु का भय भी खत्म हो जाता है। शिवजी की आराधना के लिए पार्थिव पूजन सभी लोग कर सकते हैं।
         शिवलिंग निर्माण निशुल्क है कृपया शिव अर्चन एवं पार्थिव शिवलिंग निर्माण कर अपने जीवन को सार्थक करें। धार्मिक आयोजन में अलका गर्ग, कंचन श्यामलाल पमनानी,  रजनी कंवर राम होतवानी सहित बडी संख्या में श्रद्वालुओं ने शिवलिंग निर्माण में सहभागिता की।