श्री राधाकृष्ण के मनोहारी स्वरुप के दर्शनों के लिए आज दोपहर 12 बजे से खोले जाएंगे पट

Aug 22 2019



 नगर निगम ग्वालियर द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्ठमी महोत्सव फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर पर 23 अगस्त को बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इस महोत्सव की तैयारियों को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर लीं गई हैं तथा जन्माष्ठमी के अवसर पर भगवान श्रीराधाकृष्ण को बेशकीमती गहनों से सजाया जाएगा तथा पूजा अर्चना के उपरांत दोपहर 12 बजे बाद भगवान के मनोहारी रुप के दर्शनों के लिए पट आमजनों के लिए खोल दिए जाएंगे। बाबूलाल
        निगमायुक्त श्री संदीप माकिन ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत कई वर्षों से जन्माष्टमी महोत्सव में फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर स्थित श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा को उनके प्राचीन आभूषणों से सुसज्जित किया जाता रहा है। जन्माष्टमी के अवसर पर पुलिस बल के साथ बैंक लॉकर से भगवान के आभूषण तथा श्रृंगार सामग्री एवं पात्र निकालकर लाये जायेंगे तथा इनकी सफाई इत्यादि कर भगवान का श्रृंगार किया जायेगा। दोपहर 12 बजे से भगवान के दर्शनों के लिये दरबार आम नागरिकों के लिये खोले जायेंगे। रात्रि में 1 बजे के बाद भगवान के उक्त आभूषण पुलिस बल के साथ जिला कोषालय में जमा कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण मंदिर में पुलिस बल तथा क्लॉज सर्किट कैमरे लगाकर पल-पल की वीडियोग्राफी की जावेगी। वहीं इस अवसर पर नगर निगम के इस प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन के लिये गोपाल मंदिर पर विशेष साज-सज्जा व आर्कषक विद्युत व्यवस्था की गई है। 
दुर्लभ आभूषणों से होगा श्री राधाकृष्ण का श्रृंगार
राधाकृष्ण के श्रृंगार में नगर निगम द्वारा बैंक लॉकर में संचित करोड़ों रू. कीमत के गहने उपयोग किये जायेंगे जिसमें सफेद मोती वाला पंचगढ़ी हार लगभग आठ लाख कीमत का, सात लढ़ी हार जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने होंगे सन् 2007 मंे इनकी अनुमानित कीमत लगभग 12 से 14 लाख रू. आंकी गई थी, इसके अलावा सोने के तोड़े तथा सोने का मुकुट कृष्ण पहनेंगे जिनकी कीमत भी लगभग 60 लाख रूपये है। गोपाल मंदिर की राधाजी का ऐतिहासिक मुकुट जिसमें पुखराज और माणिक जणित के पंख है तथा बीच में पन्ना लगा है, तीन किलो वजन के इस मुकुट की कीमत आज की दरों पर लगभग तीन करोड़ आंकी गई है तथा इसमे लगे 16 ग्राम पन्ने की कीमत लगभग 18 लाख आंकी गई। 
राधाकृष्ण के नकसिक श्रृंगार के लिये लगभग साढ़े 18 लाख रूपये के जेबर उपलब्ध हैं जिनमें श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कण्ठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि से भगवान को सजाया जायेगा। भगवान के भोजन इत्यादि के लिये भी प्राचीन बर्तनों की सफाई कर इस दिन भगवान का भोग लगाया जावेगा। लगभग 60 लाख रू. कीमत के चांदी के विभिन्न बर्तनों से भगवान की भोग आराधना होगी। जिनमें भगवान की समई, इत्र दान, पिचकारी, धूपदान, चलनी, सांकड़ी, छत्र, मुकुट, गिलास, कटोरी, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि सामग्रियों का भी प्रदर्शन किया जावेगा।