-सकल दिगंबर जैन समाज बृहत्तर ग्वालियर की ओर से चंपाबाग धर्मषला में मंगल प्रवचन हुए ’पुण्य कर्म जीव की किस्मत का फैसला करते हैं-मुनिश्री

Jul 22 2019


ग्वालियर-पुण्य कर्म जीव की किस्मत का फैसला करते हैं। पाप पुण्य बराबर चलते हैं, इसलिए मनुष्य को पुण्य कार्य करने चाहिए। मनुष्य योनि बड़े पुण्य का फल है, जो पुरानी वस्तु होती है वह उतनी की आकर्षक होती है। उसकी कीमत भी बढ़ जाती है। शास्त्रों ने पुराने महापुरुषों को माना है। उनका बड़ा त्याग है। धर्म का रास्ता बनाने के लिए महापुरुषों ने बड़ा त्याग किया है। जीव को उनके बताए हुए रास्तों का स्मरण करते हैं और उनके अनुयायी बन जाती है। पुराने थपेड़ों को खाकर ही नया मार्ग बनता है। रास्ता बताने वाला और सही दिशा बताने वाला महान होता है। यह बात मुनिश्री संस्कार सागर महाराज ने आज सोमवार को नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए!
   मुनिश्री ने कहा कर्म यहां फल दिखा रहे, सुख- दुःख वेदन चखा रहे, चारों गति में घुमा रहे, ज्ञान कर्म समझा आएगा तभी मुक्ति दिलवाएगा। कर्मों को जानो जो गुण दिलवाएगा। सिद्धांत को समझना ही अंतिम लक्ष्य है सिद्धांत के आगे सब परास्त हो जाते हैं सिद्धांत के आगे सब कुछ फीका है सिद्धांत बहुत ही ऊपर की चीज है व्यक्ति को सिद्धांत ही निर्विकल्प बनाता है। सारे विकल्पों से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को सिद्धांत को समझना पड़ेगा तभी हम संसार के भ्रमण को समझ सकते हैं। सिद्धांत को समझते ही प्रत्येक व्यक्ति के सारे विकल्प स्वतः ही निर्विकल्प हो जाते हैं। मुनिश्री ने कहा कि व्यक्ति को ज्ञान ऊपर ले जाने वाला है आनंद को बढ़ाने वाला है स्वभाव की ओर ले जाने वाला है निज स्वभाव के दिग्दर्शन कराने वाला है।
मुनिश्री को श्रीफल चढ़ाकर लिया अषिर्वाद
         प्रवचनो से पहले मुनिश्री के चरणो में पंडित चंद्रा प्रकाष जैन, पंडित सुनील भड़ारी, चातुर्मास संयोजक नीरज जैन, सुनील कासलीवाल, प्रवीण गंगवाल, कमल वरैया, सुनील भौंच, अजय छाबड़, आंनद जैन, अजय कागदी, अरूण गोधा, सुरेंद्र पाड्या, संजय बाडजात्या, संजीव जैन, प्रवक्ता सचिन जैन एवं सामूहिक रूप महिलाओ ने श्रीफल चढा़कार आर्षिवाद लिया। 
चंपाबाग धर्मषाला में प्रवचन होगे, मुनिश्री के ये रहेगे कार्यकाम
     जैन समाज प्रवक्ता सचिन आदर्ष कलम ने बताया कि मुनिश्री संस्कार सागर के नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मषाला में प्रतिदिन मंगल प्रवचन प्रात 8.30 से 9.30 तक होगे। इसके बाद 10 बजे से आहारचर्या, दोपहर 3.30 बजे से तत्वचर्चा एवं सॉयकाल 6.15 से आचार्य भक्ति, गुरूभक्ति एवं आरती होगी।