-सकल दिगंबर जैन समाज बृहत्तर ग्वालियर की ओर से चंपाबाग धर्मषला में मंगल प्रवचन हम मन को नहीं, मन में घुस बैठे अहम को मार लें-मुनिश्री

Jul 12 2019


   ग्वालियर-संसार में सुख और दुख जीवन के क्रम है। जिस तरह आँधी-तूफान, वर्षा और सूरज की तपिश का आकाश पर कोई असर नहीं होता, वैसे ही सुख और दुख हमें टीवी सीरियल की तरह लेना चाहिए। जब तक निस्वार्थ और निष्काम सेवा भाव के साथ हम भक्ति नहीं करेंगे, हमारे कर्मों का फल भी अनुकूल नहीं मिलेगा। अध्यात्म के अभाव को दूर कर हम इंद्रियों पर नियंत्रण रखना सीख लेंगे तभी हमारा सेवा-धर्म फलीभूत हो सकेगा। यह बात मुनिश्री संस्कार सागर महाराज ने आज षुक्रवार को नई सड़क स्थित चंपाबाग जैन धर्मषाला में संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
     मुनिश्री ने कहा कि हम मन को सुधार लेंगे तो वह हमें शबरी बना देगा और बिगाड़ लेंगे तो शूर्पणखा बना देगा। मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार मन के चार भेद हैं। मन कोई अंग नहीं, आत्मा का आवरण है और वही परमात्मा है। हम मन को नहीं, मन में घुस बैठे अहम को मार लेंगे और काम-क्रोध, लोभ-मोह जैसे विकारों को नष्ट कर लेंगे तो जीवन सँवर जाएगा। मुनिश्री ने कहा ंिक जीवन में दुःख तब तक है, जब तक हम अज्ञानी है। जिस दिन अज्ञान का नाष हो जाता है और हदय में ज्ञान का उदय हो जाता हैं, उस दिन दुःख अपने आप खत्म हो जाते है। जब तक आपका संबंध आपके षरीर से है तब तक दुःख-सुख का अनुभव बना ही रहेगा। भूख-प्यास, सर्दी-गर्मी, स्त्री-पुरूश, धन निर्धनता सब षरीर के साथ है। जो भगवान की महत्व को स्वीकार कर चुके हैं उन्हें दुःख-सुख नहीं होता।
मुनिश्री को श्रीफल चढ़ाकर अषिर्वाद लिया
           प्रवचनो से पहले मुनिश्री के चरणो में विकास गंगवाल, चातुर्मास संयोजक नीरज जैन, सुनील कासलीवाल, अजय कागदी, कमलेष बिलाल, संजय बाडजात्या, संजीव जैन, प्रवक्ता सचिन जैन एवं चंपाबाग मदिर कमेटी, विराग युवा संघ, आदि ने श्रीफल चढा़कार आर्षिवाद लिया। 
चंपाबाग धर्मषाला में प्रवचन होगे, मुनिश्री के ये रहेगे कार्यकाम
     जैन समाज प्रवक्ता सचिन आदर्ष कलम ने बताया कि मुनिश्री संस्कार सागर के नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मषाला में प्रतिदिन मंगल प्रवचन प्रात 8.30 से 9.30 तक होगे। इसके बाद 10 बजे से आहारचर्या, दोपहर 3.30 बजे से तत्वचर्चा एवं सॉयकाल 6.15 से आचार्य भक्ति, गुरूभक्ति एवं आरती होगी।