संतों के दर्शन मात्र से ही आत्म कल्याण हो जाता है-राश्ट्रसंत
Jun 19 2019
ग्वालियर- संत पुरुषों को वैराग्य ऐसा पक्का होता है कि जीवन में आने वाली बडी से बडी बाधाएं, विपदाएं आने पर भी वे घबराते नहीं है और अपने पंथ को नहीं छोडते हैं। एक महा पुरुष की जीवन और आचरण उप नारियल की तरह होता है जो ऊपर से कडक परन्तु अंदर से कोमल, सुन्दर व मधुर गुणकारी होता है। इसी प्रकार एक सच्चा संत ऊपर से कठोर दिखाई देता है मगर जब किसी जीव को दुख व दुविधा में देखता है तो उसका दुख द्रवित हो जाता है। सरोवर, वृक्ष, संत और मेघ यह चारों सदैव परोपकार के लिए जीते हैं। यह विचार राश्ट्रसंत मुनिश्री विहर्श सागर महाराज ने आज बुधवार को नई सडक स्थित चंपाबाग धर्मषाला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
मुनिश्री ने कहा कि संत, बादली और नदी इन तीनों की चाल भुजंग की तरह होती है। वह जहां जहां जाते हैं सभी को निहाल कर देते हैं। संतों के तो मात्र दर्शन करने से पुण्यवानी का बंध होता है, संतों को तीर्थ से भी बढकर बताया गया है। तीर्थ स्थान पर जाने से फल की प्राप्ति होती है लेकिन संतों के दर्शन मात्र से ही आत्म कल्याण हो जाता है। सांसारिक प्राणियों का सम्पूर्ण केवल दो बातों को सोचते सोचते ही जीवन व्यतीत हो जाता है। व्यक्ति व्यर्थ की कल्पना और संकल्पों में अपने सम्पूर्ण अमूल्य जीवन को व्यर्थ में खो देता है।
मनुश्य जन्म पाना तभी सार्थ है जब हम अच्छें -मुनिश्री विजयेष सागर महाराज ने धर्म सभा को संम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा मनुश्य जीवन मिलना तभी सार्थक होता है जब हम एक अच्छें इंसान बने। मानव का जीवन अन्य षरीरों की अपेक्षा दुर्लभ होता है। इसलिए हमें धर्म का स्वरूप जानकर अपने अस्तित्व का अनुभव करके जीवन को उपलब्ध होना और भी दुर्लभ हैं। हम संत के बताए मार्ग पर चल कर मोक्ष को पा सकते हैं। इसमें साधू संत हमसे कोई अपेक्षा नही रखते। आने के साथ जाना, उगने के साथ डूबना, उठने के साथ गिरना, जन्म के साथ मरना दिन के साथ रात होना नियति है।
धर्मसभा का षुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया, लिया मुनिश्री से आर्षिवाद
प्रवचनो से पूर्व मंगल चरण बम्हाचारी प्रदीप भैया ने ंिकया। आचार्यश्री विराग सागर महराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वालित महेषचंद जैन, नीरज छाबडा एवं विनोद पाटौदी ने ंिकया। मुनिश्री के चरणो में विकास गंगवाल, प्रंयाक जैन, ज्यातिचार्य पं0 एचसी जैन, पं0 चंदा प्रकाष जैन, जैन मिलन के अध्यक्ष संजीव अजमेरा, सचिव योगेष बोहरा विनय कासलीवाल, रतन अजमेरा, निखिल गोधा, निर्मल पाटनी, संजय गोधा ने ंिकया। जैन समाज के लोगो ने श्रीफल चढ़ाकर आषिर्वाद लिया।
प्रवचन प्रतिदिन होगे, मुनिश्री के ये रहेगे कार्यकाम
जैन समाज प्रवक्ता सचिन आदर्ष कलम ने बताया कि राश्ट्रसंत मुनिश्री विहर्श सागर महाराज एवं मुनिश्री विजयेष सागर महाराज एवं क्षुल्लक श्री विश्वोत्तर सागर महाराज ससंघ के मंगल प्रवचन नई सडक स्थित चंपाबाग धर्मषाल में प्रात 8.30 से 9.30 तक होगे। इसके बाद 10 बजे से आहारचर्या, दोपहर 3.30 बजे से तत्वचर्चा एवं सॉयकाल 6.15 से आचार्य गुरू भक्ति, आनंद यात्रा एवं आरती होगी।
संपादक
Rajesh Jaiswal
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