राजेष जैन के निवास षिंदे की छावनी से मुनिश्री विदाई हुई, आनंद नगर में मुनिश्री का प्रवेष हुआ मनुश्य को साधना एवं आराधना दोनों करना चाहिएः मुनिश्री

Jun 07 2019


     ग्वालियर-साधना एवं आराधना दो प्रकार के तप है। साधना मन से होती है और आराधना वचन और काया से होती है। अंतकाल से अभी तक आराधना ही होती रही है। साधना नहीं हुई है। साधना हो जाती तो परित्त संसारी हो जाते। पुण्य करना चाहिए। मनुष्य को धर्म करना चाहिए। धर्म करते हुए जीव पुण्य का फल प्राप्त कर लेता है। पुण्यकर्ता जीव सिर्फ पुण्य का फल प्राप्त करता है। इसलिए साधना से जुड़ें।हमें सम्यकदृष्टि जीव बनना चाहिए। सम्यकदृष्टि जीव पाप नहीं करता है, पाप करते हैं, या अंजाने में हो जाता है, हमें पाप नहीं करना चाहिए। यह विचार जैन मेडिटेषन विहसंत सागर मुनिराज ने आज षुक्रवार को आनंद नगर स्थित जैन मदिर में मंगल प्रवेष के दौरान धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज भी मौजूद थे। 
          मुनिश्री के चरणो में आनंद नगर कव ओमप्रकाष जैन, अषोक जैन, राजेष जैन सुरेन्द्र जैन, विपुल जैन, प्रवक्ता सचिन जैन, नीता जैन, मधु जैन, राधा जैन, नैंसी जैन ने भेंट कव आर्षिवाद लिया। 
भजन संध्या में मुनिश्री के सानिध्य में सांसद का सम्मान किया
भजन संध्या में सांसद विवेक नायारण सहित मंत्री मंडल का सम्मान किया
        जैन समाज प्रवक्ता सचिन जैन (आदर्ष कलम) ने बताया कि 6 जून की षाम को सम्मान ओके फउडेषन के राश्ट्रीय महामंत्री राजेष जैन कव निवास पर भजन संध्या हुई। जिसमे मुनिश्री विहसंत सागर एवं मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज के चरणो में श्रीफल मुख्यअतिथि ग्वालियर नवनिर्वाचित सासंद विवेक नारायण षेजवालकर, समारोह गौरव पूर्व केबीनेट मंत्री नारायाण सिंह कुषवाह, विषिश्ट अतिथि जी.डी.ए अध्यक्ष अभय कुमार चौधरी, पूर्व सभापति बृजेष सिंह लाला जादौन, पप्पू वर्मा, युवा मोर्च के प्रदेष उपाध्यक्ष विनय जैन ने भेंट कर आर्षिवाद लिया। नवनिवाचित सांसद एवं अतिथियो का सम्मान ओके फउडेषन के राश्ट्रीय महामंत्री राजेष जैन, सुमतचंद जैन, निर्मल पाटनी, अनूप सौगनी, राकेष जैन, विपुल जैन एवं प्रवक्ता सचिन जैन ने माला एवं स्मृति चिंह देकर सम्मानित किया।
मुनिश्री ने ग्वालियर से ली विदाई, 10 मुरैना, 7 जुलाई का कलष स्थापना होगी।
         जैन समाज प्रवक्ता सचिन जैन (आदर्ष कलम) ने बताया ंिक मुनिश्री विहसंत सागर एवं मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज ने आज षुक्रवार को षिंदे की छावनी से विदाई हुई। आनंद नगर में मंगल प्रवेष हुआ। महाराज श्री का 10 जून को मुरैना मंगल प्रवेष एवं मुनिश्री का चातुर्मास की स्थापना 7 जुलाई को भिंड के पास बरासौ जैन तीर्थ पर चातुर्मास की मंगल कलष की स्थापना की जाएगी