नाला सफाई का कार्य हर हाल में 15 जून से पूर्व पूर्ण कर लेंः श्रीमती खुषबू गुप्ता स्वच्छता अभियान के तहत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक

Jun 01 2019


- मानसून से पूर्व नाला सफाई का कार्य हर हाल में सबंधित अधिकारी पूर्ण कर लें तथा हर विधानसभा क्षेत्र में तीन-तीन ऐसे नालों को प्राथमिकता से पहले साफ करंे। जिनके कारण बारिश के समय क्षेत्र में अत्याधिक समस्या उत्पन्न होती है। इसके बाद भी यदि किसी नाले पर पानी भराव की समस्या उत्पन्न होती है, तो सबंधित क्षेत्र के क्लस्टर अधिकारी उसके लिए जिम्मेदार होगें। उक्ताशय के निर्देश मेयर इन कांउसिल की सदस्य एवं स्वच्छता प्रभारी श्रीमती खुशबू गुप्ता ने शनिवार को स्वच्छता से सबंधित अधिकारियों के साथ बैठक में दिये। 
    निगम मुख्यालय के सभागार में मेयर इन कांउसिल की सदस्य एवं स्वच्छता प्रभारी श्रीमती खुशबू गुप्ता ने आज स्वच्छता को लेकर नगर निगम ग्वालियर द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान अपर आयुक्त श्री नरोत्तम भार्गव, स्वास्थ्य अधिकारी श्री आनंद कुमार, कार्यशाला प्रभारी श्री श्रीकांत कांटे, क्लस्टर अधिकारी श्री पवन सिंघल, श्री एपीएस जादौन, श्री कीर्ती वर्धन मिश्रा, श्री सुरेन्द्र जैन, श्री हसीन अख्तर, ईकोग्रीन कम्पनी से श्री आशीष कुमार सहित सभी सहायक स्वास्थ्य अधिकारी एवं अन्य सबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। 
        एमआईसी सदस्य श्रीमती खुशबू गुप्ता ने कहा कि 15 जून तक सभी नालों की सफाई का प्लान बनाएं और बडे बडे नालों को पहले साफ करें। 15 जून के बाद उनके द्वारा कुछ स्थानों पर निरीक्षण भी किया जाएगा।
       उन्होंनंे कहा कि लक्ष्मीगंज मण्डी से निकलने वाले कचरे एवं मंदिरों से निकलने वाले फूलों के डिस्पोजल को लेकर निर्देश दिये कि इसके लिए कोई बेहतर प्लान बनायें। इसके साथ ही उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सड़कों पर वर्षों से खडे कंडम वाहनों को शक्ति से हटवायें एवं सी एण्ड डी वेस्ट को उठाने के लिए भी प्रोपर व्यवस्था करें। 
     उन्होने कहा कि हम सभी 25 क्षेत्रीय कार्यालयों पर एक साथ स्वच्छता अभियान चलाने के लिए भी एक प्लान तैयार करें जिससे लोगों में जागरूकता आयेगी। उन्होने कहा कि मच्छरों की रोकथाम के फोगिंग का कार्य नियमित रूप से सभी वार्डों मंे किया जाये एवं इसमे डलने वाले कैमिकल का डोज भी विशेषग्य से जानकारी लेकर बनायें। 
      सीवर चेम्बर सफाई को लेकर उन्होने कहा कि इसमें बहुत समस्या आती है, कुछ चेम्बर निगम के हैं कुछ पीएचई प्रोजेक्ट हैं अब नये टेंडर में गोल ढक्कन व चौकोर ढक्कन वाले चेम्बर की सफाई की व्यवस्था एक ही ठेकेदार से करायें, इसके साथ ही कितनी समय सीमा में शिकायत मिलने के बाद समस्या का निराकरण होना चाहिए। 
स्वच्छता के कार्य में अभी और इम्प्रूवमेंट की आवश्यकता
           बैठक में अपर आयुक्त श्री नरोत्तम भार्गव ने नगर निगम ग्वालियर द्वारा स्वच्छ भारत मिशन को लेकर किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण अब एक माह का कार्य नहीं बल्कि पूरे वर्ष भर तीन चरणों में चलेगा, तथा प्रत्येक चरण की अलग-अलग मार्किंग होगी और जो कि फाइनल सर्वेक्षण में जुडेगी। 
     उन्होने बताया कि प्रत्येक वार्ड में स्वच्छता की बेहतर मॉनिटरिंग के लिए एक-एक सीनियर अधिकारी को वार्ड मॉनिटर के रूप में पदस्थ किया है। जिससे वार्ड में स्वच्छता से सबंधित किसी भी समस्या का निराकरण तत्काल हो सके। इसके साथ ही सूखा एवं गीला कचरा अलग-अलग कर संग्रहण के लिए सभी वार्डो में आई,ई.सी. गतिविधियां चलाकर नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे वह अपने घर से ही कचरा अलग-अलग करके टिपर वाहन में डाले। इसके लिए कार्य भी प्रारम्भ हो चुका है तथा कई घरों से कचरा सेग्रीकेट होकर मिलने भी लगा है। 
    वहीं शतप्रतिशत घरों से कचरा संग्रहण हेतु टिपर वाहनों का रूट तैयार किया गया है तथा प्रत्येक रूट पर पहंुचने के लिए वाहनों का समय निर्धारित भी किया गया है। अभी प्रातः 6 बजे के लगभग वाहन प्रथम रूट के प्रथम घर पर पंहुचना भी प्रारम्भ हो गये हैं। इसके साथ ही पूर्व के निर्धारित सभी 89 स्थानों पर रात्रीकालीन सफाई का कार्य कर रहे हैं। इसके स्थान आगे और बढाये जायेगें। 
       एमआईसी सदस्य श्रीमती खुशबू गुप्ता ने कहा कि हम अभी जो भी कार्य कर रहे हैं उसमें और इम्प्रूवमेंट करने की आवशयकता है। हम सभी आपसी समन्वय के साथ टीम भावना से कार्य करें तो आने वाले समय में परिणाम बहुत अच्छे आयेगें।
ईकोग्रीन अपने संसाधन बढाए 
    इसके साथ ईकोग्रीन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर श्री आशीष कुमार ने बताया कि कंपनी द्वारा वर्तमान 48 वार्डों में डोर टू डोर कचरा संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। शीघ्र ही हम और वार्डों में भी यह कार्य प्रारम्भ कर देगें। उन्होने बताया कि अभी कंपनी के 189 टिपर वाहन चल रहे हैं। सभी में जीपीएस सिस्टम लगा है, तथा एक कंट्रोल रूम के माध्यम से लगातार इनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। 
    उन्होने बताया कि कंपनी द्वारा 7 कचरा ट्रांसफर स्टेशन चलाये जा रहे हैं। जिनसे प्रतिदिन प्रति स्टेशन 40 से 50 टन कचरा लेण्डफिल साइट भेजा जाता है। इसके साथ ही केदारपुर स्थित लेण्डफिल साइट पर कचरे के डिस्पोजल प्रारंभ कर दिया गया है। उक्त प्लांट की क्षमता प्रतिदिन लगभग 500 टन कचरा प्रोसेस करने की है। उन्होने बताया कि अभी दो स्थान और चिन्हित करने है जहां कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाये जायेगें। एमआईसी सदस्य श्रीमती खुशबू गुप्ता ने कंपनी से पूछा कि आपको 31 मई तक शत प्रतिशत डोर टू डोर कचरा संग्रहण करना था, लेकिन अभी तक नहीं हुआ। इसके लिए शीघ्र ही संसाधन बढाएं और शीघ्र ही सभी वार्डों में कंपनी के द्वारा कचरा संग्रहण प्रारंभ कराएं तथा वाहनों के खराब होने पर एवं वाहन चालक के अवकाश पर जाने पर अतिरिक्त वाहन व ड्राइवर की भी व्यवस्था करें।