शहर में गंदे एवं पीले पानी का वितरण नहीं होना चाहिए लापरवाही पाए जाने पर सबइंजीनियर निलंबित खाद्य मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मरीमाता क्षेत्र में भ्रमण कर पेयजल व्यवस्था देखी

May 28 2019

 

 प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना हमारी पहली प्राथमिकता है। गंदा एवं पीला पानी शहर में वितरित नहीं होना चाहिए। गंदे पानी की सप्लाई पाए जाने पर पीएचई विभाग के सबइंजीनियर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश भी दिए। श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर मंगलवार को भोपाल से ग्वालियर पधारने पर स्टेशन से सीधे महलगाँव मरीमाता क्षेत्र में पहुँचे और क्षेत्रवासियों से पीने के पानी की समस्या के संबंध में चर्चा की। 
    खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने वार्ड क्रण्.32 में मरीमाता महलगाँव क्षेत्र पहुँचकर क्षेत्रवासियों से पेयजल के संबंध में जानकारी प्राप्त की। भ्रमण के दौरान क्षेत्रवासियों ने बताया कि क्षेत्र में पीला पानी आ रहा है। इसके साथ ही कुछ स्थानों पर गंदे पानी की शिकायत भी मिली। मंत्री श्री तोमर ने मौके पर ही पीएचई के उपयंत्री श्री एस पी श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश निगम आयुक्त को दिए। 
    निरीक्षण के दौरान मंत्री श्री तोमर के साथ नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिनए पीएचई विभाग के अधीक्षण यंत्री श्री आर एल एस मौर्यए कार्यपालन यंत्री श्री करहिया सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री श्री तोमर ने निरीक्षण के दौरान कहा है कि क्षेत्र में पीला एवं गंदा पानी वितरित न होए यह निगम के अधिकारी सुनिश्चित करें। पूरे क्षेत्र का सर्वे कर गंदे एवं पीले पानी की समस्या का निदान किया जाए। पेयजल वितरण के समय पीएचई विभाग के अधिकारी भ्रमण करें और पानी की गुणवत्ता को देखें। कहीं पर भी गंदे पानी की शिकायत मिलती है तो उसका तत्काल निराकरण किया जाए। 
    खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री तोमर ने कहा कि गंदे पानी की शिकायत के निराकरण हेतु जहां भी पाइप लाईन बदलने की आवश्यकता है वहां पर तत्काल कार्य कराया जाए। इसके साथ ही गंदे पानी के निदान हेतु सीवर लाईनों की सफाई का कार्य भी अभियान के रूप में किया जाए । उन्होंने नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन को निर्देशित किया कि सम्पूर्ण शहर में पेयजल वितरण व्यवस्था की निरंतर मॉनीटरिंग करें और कहीं पर भी पानी वितरण व्यवस्था में कोताही न बरती जाए। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूद्ध भी दण्डात्मक कार्रवाई की जाए।