मुनिश्री विहसंत सागर महाराज का मंगल प्रवेष जैन मदिर थाठीपुर मे हुआ, मंदिर प्रवचन हुए संतों का काम धर्म व प्रेम की अलख जगाना: मुनिश्री

May 25 2019


        ग्वालियर-मनुष्य को नाम के लिए नहीं बल्कि उद्देश्य प्राप्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिए। जिंदगी में कुछ करने का जुनून है तो कुछ भी मुश्किल नहीं है। संतों का वैभव नहीं बल्कि उनके त्याग व आचरण की सीख लेनी चाहिए। धर्म का आशय चित की सरलता मन की निर्मलता व ह्दय की पवित्रता से है। कोई भी धर्म अहिंसा व सत्य से हटकर नहीं है। सभी महापुरुष सत्य अहिंसा परमार्थ और सचाचार की सराहना करते हैं। वर्तमान में भाईचारा प्रेम और आनंद कम हो गया है हमारा उद्देश्य धर्म व सद्भावना की अलख जगाना है। यह विचार जैन मेडिटेषन विहसंत सागर मुनिराज ने आज षनिवार को थाठीपुर स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर गुलाबचंद की बागीची में मंगल प्रवेष के दौरान धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मंच मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज भी मौजूद थे। प्रवचनो से पहले आज मुनिश्री का मंगल प्रवेष गुलाबचंद की बागीची जैन मदिर में हुआ। जैन समाज के लोगो ने आरती उतारकर आगवानी की।
   मुनिश्री ने कहा आदमी भले सच बोलता है लेकिन कभी-कभी वह झूठ का भी प्रयोग कर लेता है। दुनिया में सच्चाई के साथ ही झूठ का अस्तित्व भी है। झूठ को विद्धानों संतों और प्रबुद्ध लोगों द्वारा वर्जित किया गया है। झूठ अविश्वास का कारण है इसलिए भी इसका वर्जन किया गया है। सभी को हमेशा झूठ से बचने का प्रयास करना चाहिए। ईमानदारी के दो दुश्मन बताए-झूठ और चोरी हैं। मुनिश्री के चरणो में मंदिर समिति के अध्यक्ष रविंद्र सिंघाई, मंत्री नरेद्र जेन, व्रजसेना जैन, के.सी जैन, संजय जैन, हरीष जैन एवं समाजजनो ने श्रीफल चढ़कव अर्षिवाद ली। संचलान उर्मिल जैन आभार नरेद्र जैन ने ंिकया
आज प्रवचन होगे, मुनिश्री के सानिध्य में मदिर कार्यकारिणी की षपथ होगी
      जैन समाज प्रवक्ता सचिन आदर्ष कलम ने बताया कि मुनिश्री विहसंत सागर एवं मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज के जैन मंदिर में मंगल प्रवचन प्रात 8.30 से 9.30 तक होगे। मंदिर की नई कार्यकारिणी कमेटी की षपथ मुनिश्री के सानिध्य मे आयोजित की     जाएगी। इसके बाद 10 बजे से आहारचर्या, दोपहर 3.30 बजे से तत्वचर्चा एवं सॉयकाल 6.15 से आचार्य भक्ति, गुरूभक्ति एवं आरती होगी।