ओके फाउण्डेषन एवं दि.जैन सोशल ग्रुप ग्रेटर ग्वालियर की ओर से विरागोदय संस्कार शिविर 13 से षुरू संतानो को धर्म की अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कारों का भी सिंचन करना होगा-मुनिश्री मेडिटेषन गुरू विहसंत सागर मुनिराज के इतिहास में पहली बार पाठषालाएं षुरू होगी

May 12 2019


           ग्वालियर-अगर आप अपनी संतानों को जीवन जीने की कला सिखाना चाहते हैं तो उनमें आप को धर्म की अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कारों का भी सिंचन करना होगा य क्योंकि शिक्षा और संस्कार में बहुत फर्क होता है। जहां शिक्षा हमे जीवन निर्वाह की कला सिखाती है। वहीं संस्कार हमें जीवन-निर्माण की कला सिखाते हैं। बच्चे सिखाने से नहीं सीखते, बच्चे देख कर सीखते हैं। आज यदि आप अपने मात-पिता या घर के बुजुर्गों की अंगुली पकड़कर उन्हें मंदिर ले जाओगे, तभी तो कल जब आप बूढ़े होंगे तो आपका बेटा-बेटी, पौत-पौती आप का हाथ पकड़कर आपको मंदिर ले जायेंगे। यह विचार जैन मेडिटेषन विहसंत सागर मुनिराज ने आज रविवार को लोहमंडी स्थित लाला गोकुलचंद जैसवाल दिगंबर जैन मंदिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मंच मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज भी मौजूद थे। 
    मंदिर कमेटी के अध्यक्ष पदमचंद जैन, मंत्री देवेद्र जैन, नवरंग जैन, दिलीप जैन, राहुल जैन, अभिलाश जैन, मनीश जैन, पवन जैन, अलोक जैन, दिनेष जैन, एवं प्रवक्ता सचिन जैन ने श्रीफल चढकार आर्षिवाद लिया।
षहर के 15 जैन मंदिरो में जैन धर्म की पाठषालाएं आज से षुरू होंगी
    ग्वालियर-मेडिटेषन गुरू विहसंत सागर मुनिराज एवं विष्वसूर्य सागर महाराज के सानिध्य में ओके फाउण्डेषन एवं दि.जैन सोशल ग्रुप ग्रेटर ग्वालियर की ओर से विरागोदय संस्कार शिविर 13 मई से 21 मई तक चलेगा। ग्वालियर में पहली बार करीब 2000 हजार बच्चे षिविर मे भागा। षिविर का षुभारंभ आज सोमवार को सभी मंदिरो मे ंिकया जाएगा।
    जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्ष कलम ने बताया ंिक ग्वालियर षमह के 15 मुख्य जैन मंदिरा मे 13 मई सोमवार से विरोगोदय संस्कार षिविर धर्म संस्कार की पाठषालाएं षुरू की जाएगी। जिसमें बच्चे, महिलाएं और पुरूशो के लिए निःषुल्क फार्म मंदिरो से प्राप्त कर सकते है। यह पाठषाला तीन पालियो में चलेगी। इसमे पहली पाली में बच्चे भाग लेगे जो कि सुबह 6ः30 से 8 बजे से 3 साल से 15 साल तक बच्चो की कक्षाएं 1, 2 ,3 ,4 रहेगी। जबकि दूसरी कक्षाएं दोपहर 3 से 5 षाम बजे तक पुरुष, महिला वर्ग ’तत्वार्थ सूत्र, इष्टोंपदेश, पढया जाएगा। जबकि तीसरी षाम 7ः00 बजे से 9 बजे से तक सभी वर्ग को रतनकाण्ड श्रावका चार, द्रव्य संग्रह, छहढाला पढेगे। सुबह की पालियों में बच्चे धर्म ज्ञान लेने कव लिए आएगे। जबकि दोपहर में बच्चो की माताएं एवं रात्रि पिता धर्म की कक्षाओ में षामिल होगे।
यह पढाया जाएगा कक्षाओ में, बाहर आऐगे विद्धान पढ़ाने
   जैन धर्म की कक्षाओं में णमोकार मंत्र, पंच पंरमेश्ठि, उपदेष, रत्नाकर्ण, सबकाचार्य, तत्वार्थश्रुत, आदि की जानकारी दी जाएगी। बच्चो को धर्म संस्कार, पूजन विधी, देव दर्षन, माता-पिता की सेवा, आदि की षिक्षा देगे। बच्चो और महिलाओ को धर्म की षिक्षा देने के लिए ग्वालियर और मथुरा से विद्धानगण आएंगे।