मुनिश्री विहसंत सागर महाराज का लोहमंडी मंदिर मगल प्रवचन दिए महापुरूशो ने धन बचाने के बजाए वक्त का बचायाः मुनिश्री

May 09 2019


        ग्वालियर-समय की कद्र करने वालों की ही समय कद्र करता है। वक्त बर्बाद करने वालों को वक्त बर्बाद कर देता है। देष और दुनिया में जितनें भी महापुरूश और वैज्ञानिक हुए है, उन्होंने धन बचाने के बजाए वक्त को बचाया है। वक्ता के साथ चलो, तो मंजिल आवष्य मिलेगी। यह विचार जैन मेडिटेषन विहसंत सागर मुनिराज ने आज गुरूवार को लोहमंडी स्थित लाला गोकुलचंद जैसवाल दिगंबर जैन मंदिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मंच मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज भी मौजूद थे। 
         मुनिश्री ने कहा कि व्यक्ति को अपने जीवन की छोटी से छोटी गलती नजर अंदाज करना चाहिए, जबकि दूसरों की बड़ी से बडी गलती भूल जाना चाहिए। दूसरों का उपकार संगमरमर के पत्थर पर लिखकर रखना चाहिए। लेकिन अपने द्वारा ंिकए गए उपकार को भूल जाना चाहिए। हम यदि अपनी विषेशता और उपकार दूसरों को बताते है, तो उनका महत्व कम हो जाता है। जीवन में कर्ज और फर्ज दोनो का महत्व होता है। कोई भी व्यक्तिकर्जा लेने से कंगाल नही होता, लेकिन लंबे समय तक यदि कर्जा नहीं चुकाता है, तो कंगााल हो जाता है। इसी प्रकार फर्ज अर्थात कर्तव्य पालन में सामने वाले का चिंतन परेषान करता है, लेकिन अपने कर्तव्य चिंतन व्यक्ति को खुषहाल रखता है। किसी के सामने भोजन रखा हो, तो खाना अथवा नहीं खाना उसने हाथ में है, लेकिन खाने के बाद पचाना उसके हाथ में नहीं होता। इसी प्रकार कर्म को करना नहीं करना हमारे हाथ में होता है, लेकिन कर्म करने के बाद फल की प्राप्ति हमारे हाथ में नहीं है। हर व्यक्ति को उसके कर्मो का फल मिलता है। इसलिए सदैव अच्छा कर्म करने का प्रयास करना चाहिए। 
  मुनिश्री के चरणो में मन्दिर कमेटी के अध्यक्ष पदमचंद जैन, मंत्री देवेद्र जैन, नवरंग जैन, दिलीप जैन, राहुल जैन, अभिलाश जैन, मनीश जैन, पवन जैन, अलोक जैन, दिनेष जैन, चक्रेष जैन, ज्योतिशचार्य एच. सी जैन एवं प्रवक्ता सचिन जैन ने श्रीफल चढकार आर्षिवाद लिया।
जैन मदिर में प्रवचन होगे, मुनिश्री के ये रहेगे कार्यकाम
      जैन समाज प्रवक्ता सचिन आदर्ष कलम ने बताया कि मुनिश्री विहसंत सागर एवं मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज लोहमंडी स्थित जैन मंदिर में मंगल प्रवचन प्रात 8.30 से 9.30 तक होगे। इसके बाद 10 बजे से आहारचर्या, दोपहर 3.30 बजे से तत्वचर्चा एवं सॉयकाल 6.15 से आचार्य भक्ति, गुरूभक्ति एवं आरती होगी।