कसौटी पर चढ़ती सियासत

May 06 2019

 

एक पखवाड़े बाद देश की सियासत का नया चेहरा दुनिया के सामने होगा ण्बुंदेलखंड में एक कहावत है कि.श्मौ दूर कई थापर श्यानि प्रतीक्षा की घड़ियां ज्यादा दूर नहीं है एइसलिए ज्यादा उतावला होने की जरूरत नहीं हैण्देश की सियासत कसौटी पर चढ़ चुकी है एकेवल परिणाम आना शेष है 
वर्ष 2019  की चिलचिलाती धूप और गरमी में हुए आम चुनाव देश  की दिशा और दशा तय करने के साथ ही ममौजूदा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कि हकीकत भी ब्यान करेंगे ण्पांच वर्ष पूर्व मोदी जी एक आंधी की तरह राजनीति में उभरे थे और 2  सीटों से शुरू हुई भाजपा  को 282  सीटों के आंकड़े तक ले आये थे ण्इन पांच सालों में श्री मोदी जी ने देश के साथ डंकिया में भी कथित रुप से अपनी लोकप्रियता का डंका पीटा है इसलिए इस चुनानव में उनके नेतृत्व में भाजपा गत चुनाव के मुकाबले 282  के आंक पर ही कज्दी दिखाई दे जाये तो ये उनकी कामयाबी होगी और यदि 283  भी हो गयी तो उनकी लोकप्रियता का नया कीर्तिमान माना जाएगा 
लोकसभा में सबसे अधिक 404  सीटेंकांग्रेस ने 1984  के चुनाव में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जीतीं थीं जो एक कीर्तिमान था लेकिन अगले ही चुनाव में वे अपनी लोकप्रियता खो बैठे एउनके नेतृत्व में कांग्रेस को 197  सीटें ही मिलीं ण्ये तब हुआ जब वीपी सिंह कांग्रेस से निकल भागे थे ण्वीपी सिंह और उनके बाद चंद्रशेखर की सरकारों को इतिहास में कोई जगह नहीं मिली एलेकिन 1991  के आम चुनाव में कांग्रेस ने राजीव गांधी को गँवा कर 244  सीटें जीतीं और पीव्ही नरसिम्हाराव को प्रधानमंत्री बनाया ण्1996  के आम चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 161  सीटें जीत कर सरकार तो बना ली लेकिन एक पखवाड़े में ही भाजपा की सरकार बहुमत के अभाव में गिर गयीण्बाद में बिना चुनाव के एचडी देवगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल देश के प्रधानमंत्री बने 
वर्ष 1998  के आम चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 182  सीटें जीत कर एक बार श्री अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार तो बना ली लेकिन ये सरकार भी 13  महीने में गिर गयी और फिर 1999  के आम चुनाव में भाजपा गठबंधन ने फिर यथा स्थिति कायम रखते हुए अटल जी को दोबारा प्रधानमंत्री बनवा लिया इस चुनाव में कांग्रेस के पास कुल 114  सीटें बची थीं ण्2004  के चुनाव में कांग्रेस गठबंधन फिर 145  सीटें जीत कर फिर सरकार बनाने में कामयाब हो गयी थी इस चुनाव में भाजपा गठबंधन को केवल 138 सीटें मिलीं थीं 2009  में भी कांग्रेस 206  सीटें जीतकर सरकार बनाने में कामयाब रही 
कांग्रेस की लोकप्रियता को 2014  के चुनाव में करारा झटका लगाण्इस चुनाव में भाजपा गठबंधन ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 336 भाजपा 282 ,सीटें जीत कर सरकार बनाने में कामयाब रही अब 2019  में मोदी को  भाजपा गठबंधन को 336  और भाजपा को 282  के आंकड़े के आगे ले जाना हैण् इस आंकड़े में कमी के बावजूद भाजपा के गठबंधन की सरकार तो बन सकती है किन्तु प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता को बट्टा लग सकता है ण्
मोदी जी से पहले एक दशक तक देश की सरकार चलाने डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को दूसरे
चुनाव में 145  के मुकाबले 206  सीटें मिली थीं एये लोकप्रियता डॉ मनमोहन सिंह की नहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की नेता सोनिया गांधी की थी ण्सोनिया अपनी दूसरी अग्निपरीक्षा में कामयाब रहीं थीं एऐसी ही परीक्षा भाजपा गठबंधन के नेता के रूप में इस बार नरेंद्र मोदी को देना है ण्मोदी ने अपनी स्थिति बनाये रखने के लिए ऐडही.छोटी का जोर लगाया है लेकिन हालात तेजी से बदले हैं ण्तमाम संवैधानिक संस्थाओं के अघोषित समर्थन के बावजूद मोदी जी 2014  को दोहराने की स्थिति में नहीं हैं एफिर भी करिश्मे उनके साथ चलते आये हैं एइसलिए 23  मई 2019 के बाद क्या होगा कहना कठिन हैण्चौकीदार के दामन पर लगा चोरी का दाग धूल भी सकता है और गहरा भी हो सकता है ण्अब बस तेल देखिये और तेल की धार एइसलिए बेसिर.पेअर की बातें मत कीजिये