प्रथम बार मां सरस्वती महाअर्चना पूजन मे कॉफी संख्या में श्रद्धालुओ उमडा़ पडंे अपनी संस्कृति और संस्कार की रक्षा के लिए सरस्वती की आराधना करें’-मुनिश्री

Apr 16 2019


       ग्वालियर- मां से संस्कार मिलते हैं और देश से संस्कृति मिलती है। पुरुष की अपेक्षा एक नारी में करुणा ज्यादा होती है। हमें अपनी संस्कृति और संस्कारों को बचाने के लिए मां सरस्वती की आराधना करनी होगी, उन्हीं से विवेक और सद्बुद्धि की प्राप्ति हो सकती है। यह विचार जैन मेडिटेषन विहसंत सागर मुनिराज ने आज मंगलवार को अखिल जैन समाज, वृहत्तर ग्वालियर श्री तीर्थंकर महावीर जयंती महोत्सव समिति एवं दिगबर जागरण मंच की ओर से कंपू स्थित महावीर भवन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मंच पर मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज मौजूद थे।
           मुनिश्री ने कहा कि बच्चो में विवेक और सद्बुद्धि के आते ही संस्कार व संस्कृति की सुरक्षा का भाव स्वतः ही पैदा हो जाएगा। पिता का उपकार जन्म के कुछ वर्षों के बाद, भाइयों व मित्रांेे का उपकार समझदार अथवा बडे़ होने पर, गुरु का उपकार जब पढ़ना शुरु करते हैं तब शुरु होता है, लेकिन मां का उपकार गर्भ से ही शुरु हो जाता है, जो कि जीवन के अंत समय तक रहता है। उन्होंने कहा कि मां में करुणा व धर्म का बहुमूल्य है। मां सरस्वती के पूजन की विधि ज्ञान और वाणी के बिना संसार की कल्पना करना भी असंभव है। बच्चो और मनुष्य ही नहीं, देवता और असुर भी मां सरस्वती की भक्ति भाव से पूजा करते हैं अगर वह वर्तमान चुनौतियों का सामना करना चाहते हैं मां सरस्वती की वंदना अवश्य करें। मां सरस्वती की कृपा जिस पर बरसती है वह समाज तथा राष्ट्र का विवेकशील पुरुष बन जाता है। यदि वाणी न होती, विद्या न होती, ज्ञान न होता, तो सारा संसार अंधकार मय होता और संगीत न होता, कला न होती। इसलिए मां सरस्वती की महिमा अनंत निराली है।
मुनिश्री से लोकसभा के अषोक सिंह व विधायक लिया आर्षिवाद, पत्रिका किया लोकर्पण 
    मुनिश्री ससंघ के चरणो में लोकसभा के प्रत्याषी अषोक सिंह और दक्षिण पूर्व के विधायक प्रवीण पाठक ने श्रीफल चढकार आषिर्वाद लिया। अतिथिओ ने भगवान महावीर स्वामी की आरती की। 21 से 22 अप्रैल को दीनदयाल नगर मदिर के कलष रोहण की पत्रिका का लोकर्पण किया। अतिथिओं का सम्मान महावीर जंयती महोत्सव समिति अध्यक्ष अषोक वैद, कोशाध्यक्ष अमीत मेहता उपाध्यक्ष अनिल षाह, जागरण मंच के अध्यक्ष महेद्र जैन, धमेन्द्र जैन, बंसत जैन, सुदर्षन जैन, अनिल जैन, सौरभ गिरिष जैन, अक्षय दानी, आदि ने सम्मान किया।
 सरस्वती पूजन में अभिशेक कर जयकारें गूंजे, मंत्रो से संस्कार किया
          जैन समाज के प्रवक्ता सचिन आदर्ष कलम ने बताया कि मेडिटेषन गुरू विहसंत सागर मुनिराज एवं मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज ने मंत्र उच्चारण के प्रथम कलष सौधर्म सुरेषचंद जैन ने भगवान महावीर स्वामी का षुध्द जल से अभिशेक जयघोश के साथ किया। प्रमोद प्रषांत सिंघई परिवार ने षांन्तिधार की। महाआरती विराग युवा मंच ने की। विधानचार्य पं. सुनील षास्त्री एवं संदीप जैन मेहगांव ने चावल के माढ़ने पर मुख्य मंगल कलष राकेष मुकेष जैन दिल्ली परिवार ने स्थापन की। मां सरस्वती विधान महाअर्चना श्रध्दभाव के साथ षुरू किया गया। जिसमें बच्चे, महिलाए और पुरूश ने केषरिया पीले वस्त्र एवं केषरिया सॉडी धारण कर अश्ट्र द्रव्य से पूजा अर्चना कर महाअर्घ्य समर्पित किये। पूजा में बैठने वाले लोगो अपने हाथों पर धागे वाली मिश्री को मुनिश्री ने मंत्रो के उच्चारण किया।
भगवान महावीर पालकी मे निकाले 
    जैन समाज के प्रवक्ता सचिन आदर्ष कलम ने बताया कि सरस्वती महाअर्चना के दौरान नया बाजार जैन मंदिर से मुनिश्री के सानिध्य में भक्तगण भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा को पालकी विरजमान कर ढोलतासे के साथ कार्यक्रम स्थल महावीर भवन पहुचे।
सरस्वती महाअर्चना में संगीतमय नृत्य किया         
  विराग स्वजलि संगीत पार्टी के प्रेमप्रकाष जैन ग्वालियर ने .मेरे सिर पर रखा बाबा अपने दोनो हाथ देना है तो दीजिये जन्म जन्म का साथ. मेरे घर के सामने प्रभु का मंदिर बन जाये..मेरे वीर प्रभु के द्वार ढोल बाजे रेणमोकार मंत्र हमें प्राणों से प्यारा इसने लाखों को है तारा...जैसे अनेकों भजनों पर श्रद्धानुगण झूमते हुए नृत्य किया।