सामाजिक संस्था जन उत्थान न्यास के तत्वाधान में नाकाचन्द्रवदनी तिराहा तांगा स्टेण्ड ग्वालियर में होली मिलन समारोह ए

Mar 22 2019

ग्वालियर। हर वर्श की भांति इस वर्श भी षहर की प्रतिश्ठित सामाजिक संस्था जन उत्थान न्यास के तत्वाधान में नाकाचन्द्रवदनी तिराहा तांगा स्टेण्ड ग्वालियर में होली मिलन समारोह एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। स्वागत भाशण वरिश्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व अध्यक्ष जन उत्थान न्यास डॉ. सतीष सिंह सिकरवार ने दिया और कार्यक्रम की विस्तार से रूपरेखा रखते हुये, सभी को होली की षुभकामनाएॅ दी।
     कार्यक्रम में न्यास की अध्यक्षा श्रीमती रामकुमारी सिकरवार, वरिश्ठ भाजपा नेता डॉ. सतीष सिंह सिकरवार ने मंचासीन अतिथियों का पुश्पहारों से स्वागत किया तथा स्मृति चिन्ह भेंट किये। श्रीमती विनती षर्मा, अषोक गेड़ा, डॉ. श्रीमती षोभा सतीष सिकरवार, श्रीमती निधि अवधेष कौरव, श्रीमती वंदना सतीष यादव, श्रीमती करूणा स्वतंत्र सक्सेना, न्यास के कोशाध्यक्ष अवध सिंह धाकरे, प्रचार सचिव सुरेष प्रजापति, न्यासी आदित्य सिंह सिकरवार, कार्यक्रम संयोजक राकेष गुप्ता (तानसेन), अषोक बांदिल, सुसेन्द्र परिहार, राजेष्वर राव, प्रमोद जैन, जयन्त षर्मा ने भी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन के.के. पाण्डेय ने किया एवं आभार न्यास के सह सचिव अवधेष कौरव ने व्यक्त किया।
    डॉ. सिकरवार ने अपने उद्बोधन में कहा कि यहा आयोजन पुलवामा के वीर षहीद जवानों को समर्पित है। सामाजिक सद्भाव आपसी भाईचारे का प्रतीक होली के पर्व की मैं सभी को षुभकामनाएं देता हूॅ।
     अतिथियों के उद्धबोदन के बाद कवि सम्मेलन का आगाज संचालन करते हुये के.के. पाण्डे ने किया और बारी-बारी से कवियों को अपनी-अपनी रचनाऐं पढने के लिए आमंत्रित किया और कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की षुरूआत मिर्जापुर से पधारी कवियत्रि विभा सिंह ने सरस्वती वंदना से की। 
    कवि सम्मेलन में हास्य कवि नई दिल्ली सुनहरी लाल वर्मा ‘तुरंत’ ने अपनी रचना प्रस्तुत करते हुये कहा कि “चॉद छिप जाय सितारों से मजा लेते हैं, फूल मिलते नहीं खारों से मजा लेते हैं, उनके दीदार जब सामने से नहीं होते, हम तो छुप-छुप के दरारों से मजा लेते हैं“। 
    कवि सम्मेलन में अगली प्रस्तुति गुना के हास्य कवि रविन्द्र रवि ने अपने गीतों से समां बांधतें हुये कहा कि ‘जीने कि उमंग लिए चाहतो को संग लिए, नेह कि गुलाल गाल गाल पे लगाइए, नीला पीला हर रंग थोड़ा सी चढा के भंग, जोरी बरजोरी हर भाल पे लगाइए’। 
    कवि सम्मेलन में अगली प्रस्तुति धौलपुर के रामबाबू सिकरवार ने राजनितिक पेरोड़ियॉ सुना कर लोगों को झुमने पर विवष कर दिया। 
    कवि सम्मेलन में अगली प्रस्तुति मिर्जापुर से पधारी विभा सिंह ने कई गीत गजलें सुनाई ‘लोग क्यूॅ प्यार निभा कर तोड़ देते हैं, एक अनमोल रतन पाके छोड़ देते हैं, निभाना प्यार तो सीखो गुलाब के फूलों से, जो टूट कर भी दिलों को जोड देते है’। 
    कवि सम्मेलन में कार्यक्रम का संचालन कर रहे हास्य कवि के.के. पाण्डेय ने एयर स्ट्राइक पर सबूत चाहिए कविता पढ़ी ‘कोई मुल्ला, मोलवी, पीर, फकीर या ओझा नहीं झाड सकते हैं, इसे तो केवल भारतीय फोजी ही जड़ से उखाड़ सकते है’। 
    कवि सम्मेलन में अंतिम प्रस्तुति छतरपुर से पधारे अभिराम पाठक ने देष भक्ति से ओत प्रोत कवितायें सुना कर भगत सिंह बलिदान दिवस कि पूर्व संध्या पर भगत सिंह कि फांसी पर ए मार्मिक कविता सुनाई ‘जो ही छुआ भगत ने रस्सा, जो होंठो के निकट गया, फुट-फुट के रोया रस्सा और गले से लिपट गया। 
दिनांक 23 मार्च को षाम 7 बजे से द्वारकाधीष मंदिर, ठाठीपुर मुरार पर जन उत्थान न्यास द्वारा हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इस हास्य कवि सम्मेलन में हेमन्त षर्मा, सुनील समैया, राजकिषोर राज, अरविन्द पोटा, पंकज अंगार, श्रीमती लता किरण प्रस्तुति देगें।