हिन्दी और लोक साहित्य को समर्पित राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं अलंकरण समारोह सम्पन्न

Jun 28 2025

ग्वालियर। शासकीय केन्द्रीय पुस्तकालय एवं ग्वालियर साहित्य संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में 28 जून शनिवार को शासकीय केन्द्रीय पुस्तकालय के सभागार हॉल में राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं अंलकरण समारोह-2025 का आयोजन संपत्र हुआ।
इस कार्यक्रम में श्रीमती गुम्पी डूसो लोम्बि सुप्रसिद्ध कवियित्री एवं लोक कथाकार को राष्ट्रीय लोक साहित्य अलंकरण से अलंकृत किया गया। साथ ही कविवर घनश्याम कश्यप की स्मृति में लोक साहित्य प्रगति और परंपरा का लोकार्पण भी किया गया, जो लोक साहित्य की परंपराओ और समकालीन प्रवृतियों पर आधारित एक महत्वपूर्ण पुस्तक हैं।
इस अवसर पर श्रीमती गुम्पी डुसो लोम्बि ने कहा कि हिन्दी केवल एक भाषा नहीं बल्कि भारत की आत्मा हैं, लोक साहित्य में हमारी सांस्कृतिक जड़े छुपी हैं, अरुणाचल प्रदेश जैसे सुदूर क्षेत्रों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के पीछे यही भावना है कि हम भाषा के माध्यम से पूरे देश को एक सूत्र में बाँध सकें, हिन्दी एक भावनात्मक सेतु है जो हमें उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक जोड़ता हैं, मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने प्रदेश में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जोडऩे का कार्य किया, मैं मानती हूँ कि जब तक हम अपनी भाषाओं और लोक परंपराओं से जुड़े रहेंगे, तब तक हमारी पहचान सुरक्षित रहेगी. इस सम्मान के लिये मैं ग्वालियर की साहित्यिक भूमि को नमन करती हूँ।
डॉ. केशव पाण्डेय ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है, आज जब तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है, तब लोक साहित्य हमें हमारी पहचान, मूल्य और परंपराओं से जोड़े रखने का कार्य कर रहा हैं।
समारोह में श्रीमती गुम्पी डूसो लोम्बि, डॉ. केशव पाण्डेय, डॉ राजरानी शर्मा, विवेक कुमार सोनी, डॉ. भगवानस्वरूप चैतन्य, डॉ. ज्योति उपाध्याय, श्रीमती पूजा साहू, डॉ. लालजी, प्रवीण कम्ठान, डॉ. कल्पना शर्मा, डॉ. गिरिजा नरवरिया, डॉ. मुक्ता अग्रवाल, डॉ. मान्यता सरोज, डॉ. रिचा सत्यार्थी, डॉ. विजय कृष्ण योगी, श्रीमती मधुलिका सिंह, डॉ. पदमा, डॉ. अलका मौर्य, बीएल शर्मा, डॉ. उपमा भटनागर एवं दानवीर सिंह राजपूत आदि उपस्थित रहे।