रामसेवक शाक्यवार की दो पुस्तकों का विमोचन एवं सम्मान व समारोह संपन्न

Jun 10 2025

ग्वालियर। साहित्यकार राम सेवक शाक्यवार स्वप्नेश द्वारा लिखित बाईसवीं व तेईसवीं दोनों पुस्तकों क्रमश: पुनर्मिलन व मनुर्भव का विमोचन कर काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। पुनर्मिलन एक छंदबद्ध उपन्यास का दूसरा भाग है, जो पिछले छंदोपन्यास संघर्ष भरा जिसका जीवन का शेष कथानक है, जिसमें नायक व नायिका के मनोभावों की उथल-पुथल व अंत में उम्र में काफी अन्तर के बाबजूद उनके एक होने की कहानी है,।
जबकि मनुर्भव: में मानव सृष्टि के सृजन के प्रारंभ से उत्तरोत्तर मनुस्मृति के बारे में भ्रामक तथ्यों के उल्लेख आदि का विवरण है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ सुरेश सम्राट ने की, विशिष्ट अतिथि रामअवध विश्वकर्मा, अति विशिष्ट अतिथि कृष्णमुरारी शर्मा एवं सारस्वत के रूप में डॉ देवेंद्र तोमर मुरैना उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मनीष रोशन द्वारा किया गया।
इस मौके पर उपस्थित वक्ताओं ने दोनों पुस्तकों पर अपनी अपनी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त पर वरिष्ठ शायर मनीष रोशन की ओर से पुस्तक के लेखक रामसेवक शाक्यवार के साथ-साथ नयन किशोर श्रीवास्तव को भी काव्य धारा सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया जिसमें डॉ मुक्ता सिकरवार, यासीन मन्सूरी, धीरेंद्र गहलोत धीर, गोपाल सिंह दंडोतिया, रामसेवक शाक्यवार स्वप्नेश, नयन किशोर श्रीवास्तव, पुष्पा मिश्रा आनन्द,  श्वेता गर्ग स्वाती, रामचरण रुचिर, रमेश त्रिपाठी मछंड, रमेश कटारिया, यासीन खान मंसूरी आदि ने अपनी अपनी  आदि ने अपनी-अपनी रचनाएं पढ़ी।