हर उस एक चीज के लिए आभारी बनें जो हमारे पास अभी है: प्रहलाद भाई

Apr 05 2025

ग्वालियर। कभी-कभी जि़ंदगी की इस दौड़ में हम भूल जाते हैं कि हम दौड़ किस चीज़ की लगा रहे हैं। सुबह से रात तक काम, जिम्मेदारियाँ, रिश्तों की खींचतान यह सब अधिकतर लोगों के जीवन चलता है। फिर जब कभी हम अकेले बैठते हैं, तो एक सवाल मन में उठता है क्या मैं सचमुच शांति और खुशी का अनुभव कर रहा हूँ।
जिस तरह शरीर को ऑक्सीजन चाहिए होती है, उसी तरह आत्मा को मन की शांति चाहिए होती है। उक्त बात राजयोगिनी बीके आदर्श दीदी ने उच्च न्यायालय के केकेडी हॉल में अभिभाषकों को संबोधित करते हुए कही। दीदी ने आगे कहा की ब्रह्माकुमारीज का न्यायविद विंग अभिभाषक और न्यायविदों के लिए कार्य करता है। इसका उद्देश्य है कि वर्क और लाईफ का बैलेंस रखते हुए जीवन को आनंदित तरीके से जीना तथा अपने जीवन से दूसरों को सुंदर प्रेरणाएं देना।
प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने पीस ऑफ माइंड और मेडिटेशन विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि हम दूसरों को खुश करने की कोशिश में, कई बार हम अपने को टाईम नहीं दे पाते है। और शांति, खुशी, प्रेम, आनंद जैसे मूल गुण जिनके बिना सुंदर जीवन की कल्पना नही की जा सकती उनसे बंचित रहते है। 
जब मेरे पास गाड़ी होगी, घर होगा, नाम होगा, तब मैं शांत और खुश रहूंगा। या मुझे अन्य कोई प्राप्ति हो जाएगी तो मैं खुश रहूंगा। लेकिन क्या ऐसा होता है? नहीं। क्योंकि एक लक्ष्य पूरा होता है, दूसरा खड़ा हो जाता है। ये सिलसिला चलता ही रहता है।
इसलिए खुशी और शांति के लिए नहीं बल्कि हर कार्य खुश और शांत होकर करें। तभी हम जीवन का सही आनंद ले पाएंगे। इसके लिए मेडिटेशन बहुत आवश्यक है। इसके साथ ही राजयोग से आठ शक्तियों का हमारे जीवन मे विकास होता है उस पर भी प्रकाश डाला तथा अंत में सभी को राजयोग ध्यान की सरल विधि बताते हुए अनुभूति कराई।
कार्यक्रम में आशीर्वाद द्विवेदी, आरके जोशी, उमेश राजौरिया, जितेंद्र त्यागी, जितेंद्र सिमरोदिया, अंकिता शर्मा, राज राठौर, अरशद अली, अरुण सिंह, अनिरुद्ध सिंह सहित अभिभाषक संघ के पदाधिकारी एवं अभिभाषक उपस्थित थे।