मानपुर फेज 1 में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन
Nov 19 2024
ग्वालियर। मानपुर फेज 1 में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन में कथा व्यास लाडली सरकार ने चीरहरण, महारास, कंस वध, कालियवन से युद्ध, जरासंध वध, समुद्र के बीच द्वारका नगरी का निर्माण रुक्मणी विवाह के प्रसंग की कथा श्रवण कराया।
कथा व्यास लाडली सरकार ने कहा भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना पुलिन पर शरद पूर्णिमा की रात्रि में गोपियों के साथ महारास लीला की। गोपियां साधारण स्त्रियां नहीं बल्कि वेदों की ऋचाएं थी, पूर्व जन्म के साधनरत ऋषि थे, जिनकी मनोकामना पूर्ण करने हेतु आनंदकंद सच्चिदानंदघन परमात्मा श्रीकृष्ण ने 6 माह की रात्रि तक लगातार महारास किया।
महारास साधारण नृत्य नहीं बल्कि परमात्मा से जीवात्मा के मिलन है। जीव जब सद्गुरु के प्रति पूर्ण रूप से शरणागत हो जाता है तब सद्गुरु जीव के देहाध्यास को मिटाकर परमात्मा से मिलाते हैं। जरासंध की कथा सुनाते हुए कहा यदि बाल्यकाल से ही भजन, सत्संग किया जाए तो यह निश्चित है कि युवा अवस्था में भटकाव नहीं होगा और बुढ़ापा सुधर जाएगा एवं अंत समय भी कल्याणकारी होगा। जरासंध ही बुढ़ापा है, कालयवन ही काल रूप है। जहां नारियों का, बेटियों का सम्मान होता है वहां सदैव सुख, समृद्धि, रहती है। शास्त्रों में वर्णन है यत्र नार्यस्तु पूज्यंते तत्र रमंते देवता जहां नारियों का सम्मान होता है। वहां देवता निवास करते हैं। परन्तु नारियों को भी धर्म की मर्यादा में रहना चाहिए।
रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा आओ मेरी सखियों मुझे मेंहदी लगा दो रुक्मणी ने जब भगवान श्रीकृष्ण का चरित्र सुना तो भी मन ही मन श्रीकृष्ण के प्रति समर्पित हो गई। उन्होंने एक ब्राह्मण के माध्यम से श्रीकृष्ण को अपनी प्रणय पत्रिका भेजी, भगवान द्वारकाधीश ने उनकी प्रणय निवेदन स्वीकार करते हुए रुक्मणी का कुंडलपुर जाकर हरण किया और द्वारिका जाकर अपना प्रथम विवाह किया। शरणागत भक्त को भगवान अवश्य ही स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा भगवती रुक्मिणी माता लक्ष्मी ही हैं। वे यज्ञ से प्रकट हुई हैं। इस अवसर पर रुक्मणी कृष्ण की भव्य झांकी प्रस्तुत हुई सभी भक्तों ने मंगल बधाई गीत गए और नृत्य किया। अंत में सभी भक्तों ने भागवत जी की आरती उतार कर प्रसाद वितरण हुआ।
संपादक
Rajesh Jaiswal
9425401405
rajeshgwl9@gmail.com
MP Info News
ब्रेकिंग न्यूज़
विज़िटर संख्या
अन्य ख़बरें
-
-
-
*हेमू कालानी जन्मोत्सव मिष्ठान वितरण कर बनाया* *
—03/23/2019 -