कर्मों की प्रधानता ही व्यक्ति को महान बनाती है-मुनिश्री विनय सागर

Oct 27 2022

 
 
ग्वालियर। जो लोग संयम के मार्ग पर चलते हैं सरल स्वभावी होते हैं वह निरंतर प्रगति को प्राप्त करते हैं। हमें कर्मप्रधान होना होगा। कर्मों की प्रधानता ही व्यक्ति को महान बनाती है। कर्म किये जाओ, फल की चिंता मत रखो, कर्म अच्छे होंगे तो फल भी अच्छा ही मिलेगा जुनून हमें भगवान की भक्ति में रखना होगा। मोक्ष मार्ग में लगाना होगा। तभी जाकर हमारा मार्ग प्रशस्त होगा। यह बात श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज ने गुरुवार को माधवगंज स्थित चातुर्मास स्थल अशियाना भवन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।
मुनिश्री ने कहा कि मंदिर जब छोटा लगने लगे तो उसे तत्काल बड़े मंदिर में परिवर्तित करना आवश्यक होता है। क्योंकि व्यक्ति के मन में धर्म की भावना मंदिर पहुंचने के उपरांत ही आती है।व्यक्ति को अपना निर्वाण भी अपने वक्त के हिसाब से करते रहना चाहिये। तभी जाकर उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। जिस प्रकार नदी का पानी प्रवाहमान रहने से शुध्द रहता है उसी प्रकार इंसान को भी अपनी शुध्दता के लिये आचार-विचार, विहार और धर्म के मार्ग पर हमेशा चलते रहना चाहिये।  मुनिश्री विनय सागर महाराज  नई सडक़ स्थित प्रेमचन्द्र संजय कुमार श्रीमती किरण जैन पंडवीय के निवास पर पहुचकर चातुर्मास मंगल कलश पूजन कर मंत्रो का उच्चारण कर स्थापिक कराया।
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि पूज्य श्रमण मुनिश्री विनय सागर महाराज के मंगल सानिध्य आज शुक्रवार को  में रोग, शोक, भय विनाशक, आधिव्याधि के लिए श्री 108 मंडलीय पर 108 परिवारों द्वारा श्री भक्तामर महामंडल विधान  की आरधान करते हुए प्रात: 7बजे से भगवान जिनेंद्र का अभिषेक व शांतिधारा, नित्य नियम पूजन होगी। प्रात 8बजे से श्री 108 मंडलीय भक्तामर विधान शुरू होगा। वही प्रात: 9:30 बजे से मुनिश्री के प्रवचन होंगे