तिलक कर मांगी भाइयों की लंबी उम्र कड़ी सुरक्षा के बीच जेल में सुबह से पहुंची बहनें, लगी लंबी कतार

Oct 27 2022

 
 
ग्वालियर। जेल में बंद भाइयों को दो साल से टीका करने के लिए तरस रही बहनें गुरुवार को जेल पहुंचीं और सजा काट रहे भाइयों के माथे पर टीका कर उनकी लंबी उम्र की कामना की, साथ ही उनसे अपनी रक्षा का वचन मांगा। इससे पहले बुधवार को भी जेल में बहनें पहुंची थीं और भाइयों के साथ दौज मनाई थी।
जेल अधीक्षक विनीत सरवईया ने बताया कि दो दिन की दौज होने के चलते बुधवार के बाद गुरुवार को भी जेल में दौज का आयोजन किया गया है। गुरुवार को सुबह से ही बहनें जेल पहुंचने लगीं। 
जेल पहुंचने वाली बहनों ने बताया कि पहले हर त्योहार पर मुलाकात का मौका मिलता था, लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद दो साल से वह अपने भाइयों से मिलने के लिए तरस रही थीं, लेकिन रक्षाबंधन के बाद इस बार दौज पर सजा काट रहे भाइयों से खुले में मिलाई हो सकी। 
सामान्यत: मिलाई के लिए आने पर बाहर से ही मिलाई हो पाती थी, लेकिन इस बार जेल में अंदर जाकर भाइयों से मिलने का मौका मिला है। जेल में बहनों को किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े इसके लिए बहनों का सामान बाहर ही जमा करा लिया गया और तीन स्थानों पर उनकी चेकिंग की गई, जिससे अनाधिकृत वस्तु या अन्य सामान अंदर ना जा सके। 
इस बार तिथियों की घटबढ़ के कारण दूसरे दिन भी भाईदूज मनाई गई। इसी के साथ पांच दिन के दीपात्सव संपन्न हो गया। कुछ परिवारों में गत दिवस भाईदूज मनाई गई जिन्होंने कल नहीं मनाई उन्होंने आज भाईदूज मनाई। इस अवसर पर बहनों ने भाई का तिलक कर उनकी आरती उतारी और उनके सुखद और मंगलमय जीवन की कामना की। बहनों ने भाई का मीठा मुंह कराया तो भाईयों ने बहनों को इस अवसर पर उपहार भी दिए। साल में दो पर्व भाई-बहनों के लिए समर्पित रहते हैं पहला रक्षा बंधन और दूसरा दीवाली के बाद भाईदूज है। बुधवार को दोपहर बाद भाईदूज की तिथि पडऩे के कुछ लोगों ने कल तथा गुरुवार को उदय काल में दूज होने से आज भी यह पर्व मनाया गया। अधिकांश लोगों ने गुरुवार को ही भाईदूज मनाई है। 
पुरूषों के प्रवेश पर रही रोक
जेल में बंद बंदी भीड़ का हिस्सा बनकर बाहर ना निकल जाएं, इसे देखते हुए पुरूष मिलाई बंद थी, इसके साथ ही हर आने जाने वालों पर जेल प्रहरी कड़ी नजर रख रहे थे। 
जेल प्रबंधन ने किया खाने का प्रबंध
त्योहार होने पर बंदी असहज महसूस न करे और बाहरी भोजन पर रोक के चलते जेल प्रबंधन ने बंदियों के लिए भोजन की व्यवस्था की हुई थी। बहनों को भाइयों का इंतजार नहीं करना पड़े और उन्हें पर्याप्त समय मिले, इसके लिए जेल प्रबंधन द्वारा जेल में इस तरह की व्यवस्था की गई थी कि नाम बुलने के पांच मिनट के अंदर ही बंदी बहनों के पास पहुंच गए