धर्म से ही सच्ची दोस्ती ही तुम्हारा कल्याण करेगी-मुनिश्री

Aug 02 2021

ग्वालियर। जिसने भगवान और गुरु से प्रेम कर लिया, समझो उसे जन्नत मिल गई। संसार में किसी से सच्ची दोस्ती करनी है तो भगवान से करो। परमात्मा और धर्म से ही सच्ची दोस्ती ही तुम्हारा कल्याण करेगी। देव, शास्त्र और गुरु के प्रति आस्था और श्रद्धा रखो। हमेशा यही भावना रखना कि जीवन के अंतिम समय में भगवान और साधु के सानिध्य में मरण हो। भगवान के प्रति 99 फीसदी नहीं 100 फीसदी आस्था रखो। भगवान पर आस्था रखना प्रहलाद से सीखो। हिरण्यकश्यप राजा की बहन अपने भतीजे को लेकर अग्रि में बैठ जाती है लेकिन भगवान में अटूट आस्था रखने वाले प्रहलाद का बाल बांका भी नहीं होता। भगवान धैर्य की परीक्षा जरूरत लेते हैं लेकिन बचाने वाला परमात्मा ही है। लेकिन आज इंसान थोड़ी से विपत्ति आने पर मंदिर जाना छोड़ देता है। यह विचार वात्सल्य सरोवर राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर ने सोमवार को नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मंच पर मुनिश्री विजयेश सागर, मुनिश्री विनिबोध सागर व ऐलक विनियोग सागर मोजूद थे।
मुनिश्री ने कहा कि सद् आचरण हैवान को इंसान बना देता है और त्याग इंसान को भगवान बना देता है। आप लोगो का बहुत अच्छा पुण्य है जो तुम्हें साधु संतों का समागम मिलता रहता है। गांवों में जब साधु जाते हैं तो द्वार-द्वार पर लोग श्रद्धा के साथ पक्षालान करते हैं। मुनिश्री ने कहा कि जब भक्ति संगीत में प्रवेश करती है तो घर में भी मंदिर बन जाता है। 
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्श कलम धर्मसभा का शुभारंभ ब्राह्मचारिणी प्रियंका दीदी ने मंगल चरण कर किया। दीप प्रज्वलित समाजजनो ने सामूहिक किया। मुनिश्री के चरणों मे आगरा, दिल्ली व ग्वालियर के गुरुभक्तों सहित समाजजनो ने श्रीफल भेंट कर आर्शीवाद लिया। इस मौके समिति के बालचंद जैन, विनय कासलीवाल, अनिल जैन, जैन मिलन ग्वालियर के अध्यक्ष योगेश बोहरा, सचिव आशीष जैन, संजीव जैन, पंकज बाकलीवाल, संजय जैन, मिखिल जैन मौजूद थे। मुनिश्री के प्रवचन प्रतिदिन 8-30 बजे बजे से नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाल में होते है।
लोग मोबाइल के चक्कर में अपने संस्कार भूल गए है
मुनिश्री ने कहा कि हमें जीवन ए से शुरू करके जेड तक सम्पन्न नहीं करना है। इससे आगे भी सीखने के लिए बहुत है। जो छोटे-छोटे संकल्प करता है वह अपने जीवन का विकास करता है।आपको जीवन में ज्ञानी बनना है। अच्छे विचारों को हमें जीवन में उतारने की जरूरत है। मुनिश्री ने मोबाइल फोन से बचने की प्रेरणा देते हुए कहा कि हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए। आजकल लोग मोबाइल के चक्कर में अपने संस्कार भूल गए हैं। उपस्थित छात्रों को गाली नहीं देने, अपशब्द न बोलने का संकल्प करवाया।