“अंकुर अभियान” शहर को प्राणवायु से समृद्ध करने और हरीतिमा की चादर ओढ़ाने के लिए वृक्षारोपण में सभी को भागीदार बनाएँ कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अभियान की समीक्षा के दौरान दिए निर्देश

Jun 23 2021

ग्वालियर 23 जून  ग्वालियर शहर को हरीतिमा की चादर ओढ़ाने और वातावरण को प्राणवायु से समृद्ध करने के लिये प्रभावी ढंग से अंकुर अभियान को गति दें। अभियान के तहत सभी की भागीदारी से जुलाई माह तक एक लाख पौधे रोपे जाएं। शहर के आस-पास की पहाड़ियों एवं खाली स्थानों पर पर वृहद पौधरोपण का कार्यक्रम तैयार करें। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह “अंकुर अभियान” के तहत ग्वालियर जिले में होने वाले वृक्षारोपण की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहर में प्रस्तावित वृक्षारोपण को प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिये विभिन्न सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को विशेष तौर पर भागीदार बनाएंबुधवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने हर पौधे के संरक्षण की पुख्ता व्यवस्था के साथ ही पौधे रोपे जाएं। बैठक में विभिन्न विभागों के लिये लक्ष्य भी निर्धारित किया गया। वन विभाग द्वारा 50 हजार, नगर निगम 25 हजार, जिले के अन्य नगरीय निकायों के लिये 7 हजार तथा स्कूल शिक्षा विभाग को 5 हजार पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया है। इनके अलावा अन्य विभाग भी पौधरोपण में हिस्सेदारी निभायेंगे। साथ ही निजी तौर पर भी वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण का लक्ष्य हैजिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री किशोर कान्याल ने बैठक में कहा कि अंकुर अभियान के तहत निजी तौर पर वृक्षारोपण के लिए लोगों को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कोई भी व्यक्ति गूगल प्ले स्टोर से “वायुदूत एप” डाउनलोड कर और उस पर पंजीयन कर इस अभियान से जुड़ सकता है। इस एप के जरिए जिले में अब तक एक हजार 73 लोग वृक्षारोपण के लिये पंजीयन करा चुके हैं। प्रतिभागियों को स्वयं के संसाधन से कम से कम एक पौधा रोपकर उसकी फोटो एप पर अपलोड करती होती है। पौधरोपण के एक माह बाद पुन: उस पौधे की फोटो एप पर अपलोड करनी हैबैठक में जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. विजय दुबे, जिला पंचायत की परियोजना अधिकारी श्रीमती ऊषा शर्मा तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थेअच्छा पौधरोपण करने वाले विजेताओं को मिलेंगे प्राणवायु अवार्ड हरित क्षेत्र में वृद्धि और प्रदेश को स्वच्छ पर्यावरण व प्राणवायु से समृद्ध बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा अंकुर अभियान शुरू किया गया है। जिसके तहत फलदार व छायादार वृक्षों का पौधरोपण और देखभाल करने वाले जिलेवार चयनित विजेताओं को मुख्यमंत्री “प्राणवायु” अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। विजेताओं में 50 प्रतिशत पुरुष और 50 प्रतिशत महिलाएँ होंगी। इसी तरह आधे पुरस्कार ग्रामीण और आधे शहरी क्षेत्र के लिये होंगेयहाँ किया जा सकता है वृक्षारोपण पौध-रोपण घर के आँगन, शासकीय, अशासकीय भूमि, सामुदायिक स्थानों पर किये जा सकेंगे। पौध-रोपण के पहले प्रतिभागी को संबंधित भू-स्वामी से सहमति लेनी होगी। शासकीय और सामुदायिक स्थल पर किये गये पौध-रोपण से भविष्य में होने वाले लाभों के प्रथम हकदार समाज या राज्य शासन होंगे। यह शर्त निजी भूमि पर लागू नहीं होगी। पौध-रोपण से प्रतिभागी को उक्त भूमि के स्वामित्व का कोई अधिकार नहीं होगा। प्रतिभागी केवल प्रतियोगिता के संभावित पुरस्कार के ही हकदार होंगे। इच्छुक प्रतिभागियों को स्थल एवं वृक्ष प्रजाति का चयन और पौधे की सुरक्षा स्वयं करना होगी