मुनिश्री के सानिध्य में 21 से 28 तक आठ दिवसीय अष्टान्हिका पर्व अनुष्ठान शुरू हुआ वाणी में माधुर्य की कीमत तो तभी है जब आचरण में भी माधुर्य हो-मुनिश्री
Mar 21 2021
ग्वालियर-धार्मिक अनुष्ठान कराना तो बहुत आसान है, परंतु सच्चे देव, शास्त्र गुरु के बताए रास्ते पर चलना बहुत कठिन कार्य है। वर्तमान समय में व्यक्ति तरह तरह की मायाचारी कर अपने स्वार्थ सिद्धि में लिप्त रहता है। व्यक्ति की वाणी में मिठास हो परंतु आचरण में कड़वा जहर झलक रहा हो, तो वाणी की मिठास किसी काम की नहीं। वाणी में माधुर्य की कीमत तो तभी है जब आचरण में भी माधुर्य हो। महान बनने के लिए, कर्तव्य ही पूजा है, बाकी सब सौदेबाजी है। यह विचार वात्सल्य सरोवर राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने रविवार को नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला में आठ दिवसीय अष्टान्हिका पर्व अनुष्ठान महोत्सव में कही! मुनिश्री विजयेश सागर महाराज भी मौजूद मुनिश्री ने कहाकि भगवान महावीर स्वामी ने कहा है कि व्यक्ति जन्म से नहीं, कर्म से महान बनता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्यों की सीख, माता-पिता और गुरु चरणों में रहने से ही मिलती है। मुनिश्री ने कहा कि वास्तविक जिंदगी की शुरूआत जन्म से नहीं, बल्कि समाज-सेवा, देशभक्ति, धर्म-संस्कृति की रक्षा, रहन-सहन में सादगी, वाणी में माधुर्य, विनय संपन्नाता मन में सरलता और दान-पुण्य आदि मानवीय गुणों के उत्पन्ना होने से ही होती है। विनयहीन व्यक्ति को सभी प्रकार की शिक्षा निरर्थक होती है। शिक्षा का फल विनयशीलता है। विनयशीलता में सभी का कल्याण निहित है। स्वार्थी व्यक्ति को मानवीय गुणों से संपन्ना नहीं कहा जा सकता। आज शिक्षा, सेवा, चिकित्सा, शासन और प्रशासन आदि सभी क्षेत्रों में प्रायः धन संग्रह और पद लिप्सा के कारण बढ़ता हुआ स्वार्थ देखा जा रहा है। इसलिए मानवीयता घटती जा रही है, जो आने वाले समय में अभिशाप सिद्ध होगी। इस मौके पर विनय कासलीवाल, संजीव अजमेरा, योगेश बोहरा, पंकज बाकलीवाल, आदि मौजूद थेमुनिश्री के सानिध्य भगवान आदिनाथ का अभिषेक व हवन हुआजैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि मुनिश्री 108 विहर्ष सागर जी महाराज (ससंघ) के पावन सानिध्य में भगवान आदिनाथ का अभिषेक किया गया! वही मुनिश्री ने मंत्रो के उच्चारणों के साथ जैन समाज के लोगो ने अग्निकुंड में आहुतिया दी गई! आयोजक आर्शमय पावन वर्षायोग समिति 2020 ग्वालियर एवं जैन मिलन ग्वालियर की ओर से आठ दिवसीय अष्टान्हिका पर्व अनुष्ठान का आयोजन भक्तिमय संगीत के साथ प्रतिदिन प्रातः4.30 बजे से 6.बजे तक चम्पाबाग धर्मशाला, नईसड़क पर आयोजित होगा। इस अनुश्ठान में रोग, शोक, आधि-व्याधि,वैश्विक महामारी कोरोना निवारक, गृह क्लेश मुक्तिकारक, व्यापार वृद्धिकारक, परिवार एवं विश्व को समृद्धशाली बनाने के लिए होगा
संपादक
Rajesh Jaiswal
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