वनस्पतियों से बने उच्च प्रोटीन वाले 3 खाद्य पदार्थ जिन्हें आपको आज ही अपने आहार में शामिल कर लेना चाहिए!- शीला कृष्णास्वामी
Aug 14 2020
दुनिया भर में, और भारत में भी, लोग पशु आधारित उत्पादों का उपभोग पूरी तरह बंद करते हुए तेजी से शाकाहारी बनते जा रहे हैं या वीगन आहार लेना पसंद कर रहे हैं।
शाकाहारी/वीगन आहार का सेवन करने वाले लोगों में आम तौर पर चिंता का विषयपर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन होता है, क्योंकि अधिक मात्रा में प्रोटीन विशेष रूप से मांससहारों और डेयरी उत्पादोंमें मिलता है। लेकिन उचित प्लान के अनुसार तैयार किये गये शाकाहारी (वीगन सहित) आहार स्वास्थ्यप्रद होते हैं और पौष्टिक रूप से पर्याप्त होते हैं, तथा हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन), कुछ प्रकार के कैंसर और मोटापे जैसी कुछ बीमारियों की रोकथाम और उपचार में स्वास्थ्य लाभ दे सकते हैं। हालांकि भारत सरकार नियमित रूप से इस तथ्य के बारे में जानकारी साझा कर रही है कि कोविड-19 अंडे, चिकन, मटन और समुद्री भोजन जैसे मांसाहारी भोजन खाने से नहीं फैलता है, लेकिन लोग अभी इसे लेकर सावधानी बरत रहे हैं, और शाकाहारी आहार का सेवन कर रहे हैं।1
अगर सब्जियों, फलों, साबुत अनाज, फलियां, डेयरी, नट्स और बीजों की संतुलित मात्रा का उचित सेवन करें तो जीवन चक्र के सभी चरणों, जैसे गर्भावस्था, स्तनपान, शैशवावस्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था, वृद्धावस्था, और एथलीटके लिए शाकाहारी आहार उपयुक्त है।इसके अलावा, वनस्पतियों से बने आहार पशु उत्पादों के समृद्ध आहार की तुलना में पर्यावरणीय रूप से अधिक टिकाऊ होते हैं, क्योंकि वे प्राकृतिक संसाधनों का कम उपयोग करते हैं और बहुत कम पर्यावरणीय क्षति पहुंचाते हैं।3
अगर आप भी शाकाहारी या वीगन आहार अपनाने का विचार कर रहे हैं, तो यहां प्रोटीन प्रदान करने वाले 3 ऐसे खाद्य पदार्थ बताये गये हैं, जिन्हें आप शरीर में प्रोटीन की दैनिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए शामिल कर सकते हैं:
बादाम
बादाम प्रोटीन का समृद्ध स्रोत है। यह पोषक तत्व न केवल ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि मांसपेशियों के विकास और रखरखाव में भी अपने योगदान के लिए भी जाना जाता है। इसके अलावा, मुट्ठी भर बादाम से तृप्ति मिल सकती है, जो आपकी परिपूर्णता के अहसास को बढ़ाती है, और दोनों समय के खाने के बीच लगने वाली भूख को दूर करने के काम आ सकती है। भारतीय खाद्य संरचना तालिका 2017 के अनुसार, 100 ग्राम बादाम में, आपको 18.4 ग्राम (आरडीए का 30%) प्रोटीन मिलता है। अनुसंधान से पता चलता है कि बादाम प्रोटीन का एक स्रोत है और इसमें आहार फाइबर भी उच्च मात्रा में मिलता है। बादाम स्वस्थ रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में रक्त शर्करा नियंत्रण में सुधार कर सकते हैं, और कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों के ब्लड शुगर इफेक्ट को कम करने में मदद करते हैं, जो फास्टिंग इंसुलिन लेवल को प्रभावित करता है।4
इन सभी स्वास्थ्य लाभों के अलावा, बादाम स्वादिष्ट और स्वस्थ नाश्ते के लिए भी ठीक रहते हैं। स्वाद के लिए सभी भारतीय मसालों के साथ मिलाने के दौरान बादाम हल्के होते हैं और तेजी से मिल जाते हैं और आपकी भूख मिटाने के लिए बेहतरीन सामग्री साबित होते हैं! इसलिए अपने शरीर की प्रोटीन आवश्यकताओं में योगदान देने के लिए प्रतिदिन अपने आहार में मुट्ठी भर बादाम अवश्य शामिल करें।
लेंटिल्स (दालें)
प्राचीन काल से ही दाल आधारित व्यंजन भारतीय आहार का हिस्सा रहे हैं और सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही दालें मुख्य भोजन में शामिल रही हैं। वर्तमान में, सबसे आम प्रकार की दालों में हरी (मूंग दाल) और लाल (तूर) दालें शामिल हैं जिनका भारत के विभिन्न हिस्सों में नियमित रूप से उपयोग होता है। ये दालें विभिन्न रूपों में, और विभिन्नविधियों के जरिये उपयोग में लायी जाती हैं। लेंटिल्स को प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो मानव शरीर को कई आवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करते हैं। 100 ग्राम दालें, आपको लगभग 23 ग्राम प्रोटीन प्रदान करती हैं। हालांकि, अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन के लिए, भोजन में अनाज के साथ दालों को भी शामिल किया जाना चाहिए। दालें आंत में पाये जाने वाले माइक्रोबायोटा को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं, और दालों का एंटीऑक्सिडेंट गुण विभिन्न बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
बाजरा (मोती बाजरा और छोटा बाजरा)
मोती बाजरा (बाजरा) और छोटा बाजरा (कुटकी) में भी उच्च मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है और सेहत के लिए बाजरा कई तरह से लाभदायक है। बाजरा वजन घटाने में सहायक है, और आसानी से पाचन करने में मदद करता है।6100 ग्राम मोती बाजरा में 10.9 ग्राम प्रोटीन होता है और 100 ग्राम छोटा बाजरे से 10.1 प्रोटीन मिलता है। बाजरा कई प्रकार का होता है: फॉक्सटेल बाजरा (कंगनी/ककुम), फिंगर बाजरा (रागी), कोदो बाजरा (कोदो), सोरघम (ज्वार)आदि। हर प्रकार के बाजरे का अपना ही लाभ होता है और घर पर बाजरे के व्यंजन तैयार करना बहुत आसान होता है। इनका उपयोग कभी-कभी चावल के स्थान पर किया जा सकता है और दलिया/उपमा/डोसा/इडली/खिचड़ी और कई अन्य रूपों में भी पकाया जा सकता है।
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