ग्लेनमार्क ने कोविड-19 से ग्रसित 1000 रोगियों का, जिनको फेबीफ्लू® की खुराक दी गई थी, पोस्ट मार्केटिंग सर्विलांस किया

Jul 14 2020

शोध-केन्‍द्रित, एकीकृत वैश्विक दवा कंपनी, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स, ने घोषणा की है कि कंपनी ने 1000 रोगियों में दवा की प्रभावकारिता और सुरक्षा की बारीकी से जांच करने के लिए फेबीफ्लू® पर पोस्ट मार्केटिंग सर्विलांस (पीएमएस) अध्ययन शुरू किया है। यह अध्‍ययन ओपन लेबल, मल्टीसेंटर, सिंगल आर्म स्‍टडी के रूप में उन रोगियों पर किया गया जिनको यह ओरल एंटीवायरल दिया गया था।
इसके अलावा, ग्लेनमार्क ने फेबीफ्लू® की कीमत में 27% की कमी करने की घोषणा की है। पहले वाले प्रति टैबलेट 103 रुपये एमआरपी के मुकाबले अब नया एमआरपी 75 रुपये प्रति टैबलेट है। कीमत में कमी बड़े पैमाने पर प्राप्त उच्च स्‍तर के लाभों के कारण संभव हुई है, क्योंकि एपीआई और फॉर्मुलेशन दोनों, ग्लेनमार्क की भारत स्‍थित फैक्‍टरियों में किए जाते हैं, जिसका फायदा देश में रोगियों को उपलब्‍ध कराया जा रहा है।
ग्लेनमार्क ने देश के भीतर अपने स्वयं के इन-हाउस आर एंड डी टीम के माध्यम से एक्‍टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रेडिएंट (एपीआई) और फेबीफ्लू® के फॉर्मुलेशन को सफलतापूर्वक विकसित किया है, जो इसके दीर्घकालिक उत्पादन और मैन्‍युफैक्‍चरिंग के मामले में आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करता है। एपीआई का निर्माण गुजरात उत्पादन स्‍थल में किया गया है जो यूएसएफडीए एवं एमएचआरए-यूके से अनुमोदित है। फार्मुलेशन उत्पाद हिमाचल प्रदेश की फैक्‍ट्री में बना है, जिसको भी यूएसएफडीए और एमएचआरए-यूके ने मंजूरी दी है।
इन घटनाक्रमों के बारे में, श्री आलोक मलिक, सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट और हेड – इंडिया बिजनेस, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, ने बताया कि “हम उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट मार्केटिंग सर्विलांस अध्ययन में फेबीफ्लू® लेने वाले रोगियों के एक बड़े समूह में दवा के नैदानिक ​​प्रभाव और सुरक्षा पर अधिक रोशनी डाली जायेगी। इस महामारी की शुरुआत से ही हमारी प्राथमिकता रही कि भारत में कोविड-19 के रोगियों को प्रभावी उपचार प्रस्‍तुत किया जाये, और इसके साथ ही इसकी पहुंच जन-जन तक सुनिश्चित की जाये। कंपनी के अंदर किये गये हमारे अपने शोध से पता चलता है कि हमने फेबीफ्लू® को अन्य देशों में फेविपिरवीर की लागत के मुकाबले, जहां इसे एप्रूवल मिला हुआ है, भारत में सबसे कम बाजार लागत पर लॉन्च किया है। हम आशा करते हैं कि कीमत में की गई इस कमी इसे देश भर के रोगियों के लिए और अधिक सुलभ बनायेगी।”
आर एंड डी, नैदानिक ​​परीक्षणों और फेबीफ्लू® (एपीआई एवं फार्मुलेशन) के निर्माण में काफी निवेश करने के बावजूद, ग्‍लेनमार्क ने फेबीफ्लू® की कीमत को अन्य देशों के मुकाबले कम रखने में कामयाबी हासिल की है। भारत में फेबीफ्लू® को मूल रूप से 103 रुपये/टैबलेट की कीमत में लॉन्च किया गया था, जबकि बाकी देशों में रुपयों में इसकी कीमत अधिक है। (रूस में 600 रुपये/टैबलेट, जापान में 378 रुपये/टैबलेट, बांग्लादेश में 350 रुपये/टैबलेट और चीन में 215 रुपये/टैबलेट)।*200 एमजी/टैबलेट के लिए सम्‍बंधित देशों से उपलब्‍ध ट्रेड डेटा और रुपये के बराबर सम्‍बंधित देशों में दर्ज मुद्रा दरों पर आधारित
20 जून को, ग्लेनमार्क ने घोषणा किया कि उसे फेबीफ्लू® के लिए भारत के ड्रग रेग्‍यूलेटर से मैन्‍यूफैक्‍चरिंग और मार्केटिंग एप्रूवल प्राप्त हुआ, जिससे यह दवा हल्के से मध्यम लक्षणों वाले कोविड-19 के रोगियों के इलाज के लिए भारत की पहली ओरल फेविपिरविर-एप्रूव्‍ड दवा बन गई। भारत में कोविड-19 के प्रकोप की आपातकालीन स्थिति को देखते हुए मैन्‍यूफैक्‍चरिंग और मार्केटिंग की मंजूरी को त्वरित अनुमोदन प्रक्रिया के रूप में मंजूरी दी गई थी। अनुमोदन का प्रतिबंधित उपयोग, दवा का जिम्‍मेदारी के साथ उपयोग की अनुमति देता है, जिसके लिए उपचार शुरू करने से पहले हर मरीज को सूचित सहमति पर हस्ताक्षर अवश्‍य करना होगा।
हल्के से मध्यम लक्षणों वाले अधिकांश रोगी फेबीफ्लू® से लाभान्वित हो सकते हैं। ग्लेनमार्क ने भारत में हल्के से मध्यम लक्षणों वाले कोविड-19 रोगियों के मामले में फेवीपिरवीर (फेबीफ्लू®) के साथ नैदानिक ​​परीक्षण का चरण 3 भी पूरा कर लिया है। परीक्षण के परिणाम जल्‍द ही उपलब्ध होंगे।
भारत के अस्पतालों में भर्ती मध्यम लक्षणों वाले कोविड-19 के वयस्क रोगियों में एक कम्‍बिनेशन थिरेपी के रूप में दो एंटीवायरल दवाओं, फेविपिरविर और उमिफेनोविर की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए नैदानिक ​​परीक्षण के एक और तीसरे चरण का भी संचालन कर रहा है। कम्‍बिनेशन अध्ययन के लिए, जिसे एफएआईटीएच ट्रायल कहा जाता है, भारत के अस्पतालों में भर्ती मध्‍यम लक्षणों वाले कोविड-19 के 158 रोगियों को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। कम्‍बिनेशन थिरेपी के साथ प्रारंभिक उपचार का मूल्यांकन सुरक्षा और प्रभावकारिता के लिए किया जाएगा, क्योंकि यह वायरस शेडिंग की अवधि को कम करने में प्रभावी तरीके से कारगर दिख रहा है, जिससे रोगियों के शीघ्र नैदानिक ​​उपचार और डिस्‍चार्ज संभव है।