मुख्यमंत्री केजरीवाल को सभी गोदाम दिल्ली से बाहर ले जाने का प्रस्ताव दिया था: नितिन गडकरी

Jun 10 2020

इस समय में दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े कोरोना के संकट से जूझ रहे हैं. धारावी जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाक़ों में ये संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है. केंद्रीय केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी का कहना है की उद्योगों के वीकेंद्रीयकरण, स्मार्ट सिटी और स्मार्ट गाँव बनाने से ही शहरों में भीड़ कम होगी. 
नितिन गडकरी ने न्यूज़18 इंडिया से बात करते हुए कहा की उन्होने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सभी गोदाम दिल्ली से बाहर ले जाने का प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव के लिए केजरीवाल ने हाँ भी किया था. “रिंग रोड के पास जो भी गोदाम हैं, वो सब दिल्ली से बाहर ले जाने का प्रस्ताव दिया था. इसके कारण से जो औद्योगिक कचरा है जैसे प्लास्टिक, स्टील इत्यादि वो भी दिल्ली से बाहर हो जाएगा.”
उन्होने लॉजिस्टिक पार्क बनाने की भी बात कही. “मैं रिंग रोड के साइड मैं लॉजिस्टिक पार्क बनाना को तैयार हूँ. मैने केजरीवाल जी से कहा था की दोनो साथ मिल के बनाएँगे.”
उनका मंत्रालय दिल्ली-मुंबई हाइवे भी बनाने में कार्यरत है. लेकिन इस समय दिल्ली और दिल्ली से लगे उत्तर प्रदेश और हरियाणा की बीच सीमा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है. उनका मानना है की राज्यों को साथ बैठ कर बातचीत से मामला सुलझाना चाहिए. गडकरी ने कहा, “जिस राज्य की सीमा जहाँ तक है, वहाँ तक अधिकार राज्य सरकार का है कि क्या करना है और क्या नही करना. उत्तर प्रदेश सरकार भी मेरे साथ है, हरियाणा सरकार भी मेरे साथ है, साथ बैठ कर, सब की स्वीकृति ले कर हम लॉजिस्टिक पार्क बनाने को तैयार हैं.” 
दिल्ली में हो रहे अस्पतालों के विवाद पर उन्होने कहा, “इस समय दिक्कत बहुत बड़े स्तर पर है और मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है. इस समय मीडीया में इन विषयों की चर्चा करने की बजाय सरकारी स्तर पर सबके बीच में बैठ के चर्चा कर के सुलझाना उचित होगा. इस प्रकार के विवाद लोगो में और निराशा पैदा करते हैं. हम आपस में चर्चा कर के जो भी अड़चन होगी वो सुलझा सकते हैं.”  
परेशानी सभी को
20 लाख करोड़ के पैकेज के बाद भी राहुल गाँधी ने कहा था की सरकार को पैसा लोगों के हाथ में देना चाहिए. इस पैकेज में सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए भी कई प्रावधान थे. इस पर गडकरी ने कहा की पैसा, पैसा होता है. सरकार की तरफ से सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्योगों को हर ज़रूरी मदद दी जा रही है. उन्होने बताया की देश की जीडीपी में 29% सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्योगों का योगदान है. साथ ही 48% एक्सपोर्ट इन उद्योगों के द्वारा होता हैं और 11 करोड़ नौकरियाँ भी दी जाती हैं. “इस मार्च तक करीब 6 लाख इंडस्ट्रीस को रिस्ट्रक्चर किया है और आने वाले समय में अगली मार्च तक 25 लाख मसमे को रिस्ट्रक्चर करेंगे.”
उन्होने आगे कहा की इस समय  अड़चन सबको है. “भारत सरकार का भी राजस्व गिरा है. ये झदगे का समय नही है बल्कि हाथ मिला कर चलने का समय है. भारत सरकार सभी राज्य सरकारों के साथ खड़ी है, हम हर संभव कोशिश करेंगे सबकी मदद करने की.”
काम करने वाले लोगों की कमी
नितिन गडकरी अपने काम के लिए जाने जाते हैं. उन्होने बताया कि उन्हें काम करने और निर्णय करने वाले अधिकारी पसंद हैं, टाल-मटोल करने वेल या फाइल इधर उधर करने वाले अधिकारी पसंद नहीं हैं.
“इस देश में पैसे की कमी नही है, टेक्नालजी की कमी नही है, इस देश में काम करने वाले की कमी है. विकास के लिए काम करने की प्रतिबद्धता होगी तो हम लोग बहुत कुछ कर सकते हैं. जो काम की ज़िम्मेदारी दी है उसका मूल्यांकन होना चाहिए.” उन्होने कहा. 
कोरोना काल में अवसर
नितिन गडकरी के अनुसार कोरोना काल अप्रत्यक्ष रूप से एक अवसर ले कर आया है. कुछ समय पहले जहाँ भारत ने चीन से पीपीई किट मँगवाई थी, अब भारत 5 लाख पीपीई किट का निर्माण कर रहा है और साथ ही दूसरे देशों को निर्यात भी कर रहा है. “कुछ समय पहले सैनिटाइजर का भाव 1200 रुपये प्रति लीटेर हो गया था. मैने सब चीनी की मिल्स को बोला सैनिटाइजर  बनाने के लिए, प्रधानमंत्री ने बोला चावल से सैनिटाइजर  बनाना के लिए. अब 160 रुपये लीटेर कीमत आ गयी है. पुर कनाडा, अमेरिका से लेकर दुबई तक अब हम सैनिटाइजर एक्सपोर्ट कर रहे हैं.”
उन्होने कहा की अब लोग भारत में निवेश करना चाहते हैं. अगर हम आत्मविश्वास और सकारात्मकता के साथ आगे जायें तो निश्चित रूप से हमारा सपना पूरा होगा