कोरोना रू विश्वव्यापी महामारी के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार का युद्ध भोपाल 22 अप्रैल कोरोना महामारी का प्रकोप विश्व व्यापी है। हमें इससे डरना नहीं है लड़ना है। वर्ष 2020के मार्च माह की 23 तारीख वह दिन है जब मध्यप्रदेश में कोरोना के खिलाफ महायुद्ध का ऐलान किया गया। इस दिन से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हर मोर्चे पर मध्यप्रदेश सरकार ने काम करना शुरू किया। लोगों की हिम्मत बढ़े और सहयोग के साथ महामारी की रोकथाम के लिये वे सजगए सतर्क और सावधान होंए इस दिशा में एक लक्ष्य के साथ मौजूदा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार ने काम करना शुरू किया। कोरोना की रोकथाम के लिये शुरू हुआ युद्ध 23 मार्च को शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एक योद्धा की तरह कोरोना के खिलाफ युद्ध की शुरूआत की। उन्होंने सबसे पहले उन तैयारियों की जानकारी लीए जो महामारी की रोकथाम के लिये जरूरी हैं। इस महामारी की व्यापकता की तुलना में सुविधाएँ और उपलब्धियाँ बहुत कम थी। पिछले 28 दिनों में लगातार किये गये प्रयासों के बाद हमारी चिकित्सा प्रणाली इस संक्रमण के खिलाफ न केवल पहले से अधिक मजबूत हुई बल्कि संक्रमण को पूरी तरह समाप्त करने में सक्षम बनी। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिये सबसे ज्यादा जरूरी था कि प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों का अधिक से अधिक परीक्षण होए उन्हें इलाज मिले। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 23 मार्च को प्रदेश का नेतृत्व संभालते ही इस दिशा में निर्देश दिये। आज प्रदेश की 9 प्रयोगशालाओं में कोरोना प्रभावितों और संदिग्धों के परीक्षण किये जा रहे हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले में 5 हजार 120 नमूने लिये गये हैं। जिनमें से 1000 नमूनों को परीक्षण के लिये दिल्ली भेजा गया है। रोज की जाने वाली जाँच में भी बढोत्तरी हुई है। लगभग 1050 परीक्षण प्रतिदिन किये जा रहे हैं। अन्य प्रयोगशालाओं को भी शुरू किया जा रहा है। परीक्षण किट की निरंतर आपूर्ति कोरोना की रोकथाम के लिये यह जरूरी है कि अधिक से अधिक लोगों का परीक्षण हो जिससे संक्रमण का पता लगाया जा सके। मध्यप्रदेश में परीक्षण उपकरण 22 हजार 520 आरटीपीसीआर और 14 हजार 200 मेनुअल आरएनए है। पीपीई किट लगभग एक लाख से अधिक है। इनमें से 2500 किट प्

Apr 22 2020