तीन दशक पहले रमाबाई का किरदार निभाने वाली फाल्गुनी दवे ने कहा, ‘‘मैं हमेशा ही बाबासाहेब की कहानी से खुद को करीब पाती हूं‘‘

Mar 20 2020

यह एक ऐसे इंसान के सफर की कहानी है, जिन्होंने ना केवल भारत को उसका संविधान दिया, बल्कि कुछ लोगों की भलाई के लिये भी लड़ाई लड़ी। &tv के ‘एक महानायक- डाॅ. बी.आर आम्बेडकर’ को पूरे देश में दर्शकों से काफी अच्छी प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। 
 
टेलीविजन पर उनके सफर को दर्शाने का हिस्सा बनकर इस शो के हर एक्टर को काफी गर्व महसूस हो रहा है, वहीं जानी-मानी थियेटर एक्टर फाल्गुनी दवे को डाॅ. बी.आर. आम्बेडकर की जिंदगी को सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि दो बार जीने का मौका मिला। लगभग एक दशक पहले फाल्गुनी को बी.आर आम्बेडकर की पहली पत्नी रमाबाई की भूमिका निभाने का मौका मिला, वहीं -ज्ट पर ‘एक महानायक- डाॅ.बी.आर आम्बेडकर’ में अभी बाबासाहेब के पिता, रामजी सकपाल, की बहन ‘मीराबाई मालोजी सकपाल’ की भूमिका निभाने का मौका मिला। 
 
मीराबाई का किरदार किस तरह मिला, इस बारे में बताते हुए फाल्गुनी कहती हैं, ‘‘ भले ही रमाबाई का किरदार निभाये हुए 30 साल बीत गये, लेकिन मैं बाबासाहेब की कहानी से खुद को कभी अलग नहीं कर पायी। पहले जब मैंने रमाबाई का किरदार निभाया था, मुझे गुजराती होने की वजह से धाराप्रवाह मराठी बोलने में परेशानी महसूस होती थी। लेकिन पिछले कुछ सालों में मैंने इस भाषा पर अपनी पकड़ काफी अच्छी कर ली है, इसलिये ‘मीराबाई’ के आॅडिशन के दौरान मैं तुरंत ही इस भूमिका के लिये चुन ली गयी। स्क्रीन टेस्ट में वह लुक और बोलने का तरीका वास्तविक लग रहा था, जिससे मेकर्स तुरंत ही प्रभावित हो गये और अंततः मुझे वह भूमिका मिल गयी। लगभग 30 साल पहले रमाबाई का किरदार निभाना थोड़ा मुश्किल था, क्योंकि संदर्भ के लिये और उनके बारे में जानने के लिये बेहद सीमित साधन थे। इंटरनेट की अत्यधिक उपलब्धता और संदर्भ के लिये ढेर सारी किताबें पढ़ने के लिये उपलब्ध होने के कारण बाबासाहेब के जीवन की प्रमुख घटनाओं तथा उनके परिवार के बारे में जानना ज्यादा आसान हो गया है। ये दोनों ही महिलाएं बाबासाहेब के जीवन में निरंतर उनकी ताकत बनकर खड़ी रहीं और इस तरह का प्रमुख किरदार निभाने का मौका मिलना गर्व की बात है।’’ 
 
सार्वजनिक रूप से ज्यादातर डाॅ. बी.आर आम्बेडकर की उपलब्धियों की कहानियां हैं, लेकिन &tv के ‘एक महानायक- डाॅ. बी.आर आम्बेडकर’ शो में ना केवल उनके माता-पिता के साथ उनके रिश्ते के सफर को दिखाया गया है, बल्कि अपनी बुआ के साथ भी उनके अच्छे रिश्ते को दर्शाया गया है।
 
देखिये, ‘एक महानायक- डाॅ. बी.आर आम्बेडकर’ हर सोमवार से शुक्रवार, रात 8.30 बजे केवल &tv पर