दाना ओली चंपाबाग जैन मंदिर में धर्मसभा में मुनिश्री विहर्श सागर महाराज ने कहा कि जब परिस्थितियां उलट हों तो हमें धर्म का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। राश्ट्रसंत मुनिश्री विहर्श सागर ससंघ के आज दानाओली में मंगलप्रवेष व प्रवचन हुए

Feb 25 2020


    ग्वालियर-संस्कार को स्वभाव में उतारें, उच्च विचार की बात करने से काम नहीं चलेगा। हमारे अंदर मानवता होगी तभी हम दूसरों का भला कर सकेंगे। भौतिक सुख-सुविधाएं ढूंढने से ईश्वर नहीं मिलेगा। ईश्वर हमारे हर पल की समीक्षा करता है और उसी के अनुसार फल देता है। जब परिस्थितियां उलट हों तो हमें धर्म का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। हमारे संस्कारों से जुड़े रहना चाहिए। जीवन में मुस्कुराने से अनेक समस्याओं का समाधान हो जाता है। उक्त उद्गार जैन राश्ट्रसंत मुनिश्री विहर्श सागर महाराज ने आज मंगलवार को दाना ओली स्थित चंपाबाग जैन मदिर में जैन मिलन ग्वालियर के मंगल प्रवेष के दौरान धर्मसभा में व्यक्त किए। मुनिश्री वियजेष सागर महाराज एवं क्षुल्लक विष्वोत्तर महाराज मोजूद थे।
   मुनिश्री ने कहा ंिक मन के जीते जीत है और मन के हारे हार। मन को कैसे नियंत्रण में रखना इसका जुनून चाहिए। व्यक्ति मंदिर में जाए और वहां मन एकाग्र हो जाए तो तुम्हारा निर्वाण हो जाएगा तो आश्चर्य नहीं होगा। मनुष्य को मन पर कैसे नियंत्रण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंच इंद्री रूपी घोड़ा तुम्हारे पास है और आत्मा इसमें विराजमान है, हमारे पास परमात्मा का यह रथ है, मन को मारो मत, इसे सुधारो। मन एक दिन मानकर महात्मा से परमात्मा हो जाएगा। बुराई की तरफ मन जाए तो परिणाम सामने रखो। मन कभी भी गलत काम करने के लिए सुझाव नहीं करता। धर्म मंगल चरण पडित चंद्रा प्रकाष जैन ने किया। मुनिश्री कव चरणों में चंपाबाग मंदिर समिति के विकास गंगवाल, बंसत गोधा, विनय कासलीवाल, जैन मिलन ग्वालियर के अध्यक्ष संजीव अजमेरा, सचिव योगेष बोहरा, रतन अजमेरा, प्रियांक सोनी, पकज वाकलीवाल, धर्म वरैया एवं राजेष जैन मित्र मंडल आदि ने श्रीफल चढ़ाकर आर्षिवाद लिया।
मुनिश्री का मंगल प्रवेष हुआ, रंगोली और पाद प्रक्षालन व आरती उतारी 
     जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्ष कलम ने बताया कि राश्ट्रसंत मुनिश्री विहर्श सागर महाराज ससंघ आज मंगलवार को जैन मिलन ग्वालियर ने सुबह चितेरा ओली माधौंगंज से पद विहार कर दाना ओली स्थित चंपाबाग जैन मंदिर में गाजे बाजे के साथ समाजजनों ने मंगल प्रवेष कर अगवानी की। राश्ट्रसंत मुनिश्री विहर्श सागर महाराज जिन मार्गो से निकाले उस मार्ग पर संतरागी फूलों और रंगो से रंगोली सज्जकर जैन समाज के श्रद्धालृओ ने पाद प्रक्षालन और आरती उतारी के आर्षिवाद लिया। 
विजयेष सागर की 9 वीं मुनिदीक्षा जयंती 27 को, काफी भक्त सम्मालित होगे
   जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्ष कलम ने बताया कि जैन मिलन ग्वालियर की ओर से मुनिश्री विजयेष सागर महाराज का 9 वीं मुनिदीक्षा जंयती 27 फरवरी दोपहर 1 बजे से नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मषाला में राश्ट्रसंत मुनिश्री विहर्श सागर महाराज एवं क्षुल्लक श्री विषोत्तर सागर महाराज के पावन सानिध्य में बनाई जाएंगी। जिसमे बाहर से काफी गुरूभक्त आएगे। मुनिश्री के मंगल प्रवचन 26 फरवरी को प्रातः 8ः30 बजे से दाना ओली स्थित चंपाबाग जैन मदिर में रहेगा।