जैन मिलन ग्वालियर की ओर से ग्वालियर के इतिहास में प्रथम बार जनमंगल महायज्ञ महोत्सव हुआ 1008 मंत्र से षरीर का स्नान महापूजन में कराया, चार घंटे गूंजती रही मंत्रो ध्वनि

Jan 21 2020


        ग्वालियर-सकल जैन सामाज एवं जैन मिलन ग्वालियर के तत्वाधान में पहली बार मंगलवार को नई सडक स्थित चंपाबाग बागीची में अंतर्मना अचार्य श्री प्रसंन्न सागर महाराज एंव मुनिश्री पीयुश सागर महाराज के सानिध्य में अंतर्मना जनमंगल महायज्ञ महोत्सव ंिकया गया। इस पूजन मे 2500 जोडो कही भाई-बहन, कही पिता-पुत्र तो कही सास-बहू एवं ननद-भाभी, पूरा परिवार जैसे रिष्ते के रूप में बैठे थे। इस अंतर्मना जनमंगल महायज्ञ महोत्सव में परिवार, समृद्धि, गृह मैत्री व्यापार के उन्नति के लिए हुआ।
इष्ट या परमात्मा के प्रति प्रेम की भावना भक्ति कहलाती है-आचार्यश्री
    आचार्यश्री प्रसंन्न सागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भक्ति प्रेम की मधुमती भूमिका है। प्रेम का तत्व या सारांश ही भक्ति की संज्ञा को प्राप्त हो जाता है। प्रेम के अनेक रूप हैं। जैसे समान वय में एक-दूसरे के प्रति तो रामात्मक भाव उदय होते हैं। उन्हें स्नेह कहा जाता है। छोटे लोग जब बड़ों से प्रेम करते हैं तो श्रद्धा बन जाता है। अपने इष्ट या परमात्मा के प्रति प्रेम की भावना भक्ति कहलाती है। मन प्रभु के नाम को जपता है तो तन सेवा भक्ति, कर्म में रत हो जाता है। कर्म करो और भगवान को अर्पित कर दो, अर्थात प्रत्येक कार्य को करते हुए मन में भावना बननी चाहिए कि मैं जो कर रहा हूं वह सब मेरे भगवान की सेवा भक्ति के निमित्त है। सेवा संबंधी प्रत्येक कर्म को भगवान को समर्पित करने से प्राणी अहंकार से मुक्त हो जाता है। जो कुछ है उसका है, जो उसका है उसको समर्पित करो।
2500लोगो ने रचाया जनमंगल महायज्ञ विधान,श्रद्धा और भक्ति का उमड़ जनसैलबा
  जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि जनमंगल महायज्ञ विधान श्रद्धा और भक्ति का उमड़ जनसैलबा 2500 परिवारो पूजन में सम्मसलित हुए। पूजन में सबसे पहले श्रीफल हाथ में लेकर देवी देवताओ आगवान ंिकया। अनुश्ठान की प्रतिश्ठाचार्य ब्रहचारिणी गीती दीदी एवं प्रतिश्ठाचार्य चंद्रकांत जी षास्त्री ने मंत्रो से समाज के लोगो ने भगवान जिनेद्र देव, जिनवाणी, संरस्वती, आचार्यश्री एवं मुनिश्री को अध्र्य समर्पित कराए। आचार्यश्री ने अपने मुख्यदिंब से ़1008 मंत्र से स्नान, षरीर षुद्धि, सिद्धभक्ति का उच्चरण किया। विधान मे श्रद्धालुओ ने जलयंत्र को विराजमान कर लौंग और दीपक को मंत्रो से समर्पित किए। समापन पर लाल कपडे में लौंग, जलयंत्र और श्रीफल रखकर जयाफल और कपूर व चाॅदी के सिक्के डाला कर अपने घर मे सुरक्षित जगह रख देना। ग्वालियर के संगीतकार षुभम जैन सैमी ने भजनो पर भक्तो की भक्ति नृत्य कर जयकारो से गूंज पडे।
जनमंगल का षुभारंभ इंहोने ंिकया, लिया आचार्याश्री से आर्षिवाद
   धर्मसभा का षुभारंभ दीप प्रज्वलित डाॅ वीरेन्द्र गंगवाल, महेद्र जैन ने ंिकया। भक्ति नृत्य नीलम जैन एवं आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन पंकज जैन एवं राजू जैन ने किया। आचार्यश्री के चरणो मे डाॅ वीरेंद्र गंगवाल, जैन मिलन के अध्यक्ष संजीव अजमेरा, सचिव योगेष बोहरा, कार्यक्रम मुख्य संयोजक प्रषांत गंगवाल, संयोजक विनय कासलीवाल, प्रियांक सोनी, धर्म वरैया, विनोद पाटोदीने श्रीफल चढ़ाकर आषिर्वाद लिया। संचालन विनय कासलीवाल जैन ने किया।
समिति ने जनमंगल विधान की पूजन साम्रगी वितरण की
   जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि जैन मिलन ग्वालियर ने बैठने वालो को पूजन की साम्रगी में 15 बाई 15 लाल कपड़ा, लौंग 1100, कलष 2 पीस, घी, दर्भ 6 पीस, दीपक 11 पीस, बत्ती 20 पीस, पीली सरसो 25 ग्राम, मौली कलावा 1 पीस, जलयत्रं1 पीस, लिक्विट केषर 5 मिली, 2 थाली, नारियल, जायफल, माचिस प्रासुक जल आदि के पैकेट वितरण किए।
आज प्रवचन एवं 23 को निर्वाण महोत्सव होगा-ः जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया ंिक आचार्यश्री प्रसन्न सागर महाराज संसघ के प्रवचन नई सड़क स्थित चंपाबाग बागीची में प्रात 830 से होगे। वही 23 जनवरी को प्रात-9 बजे से अचार्यश्री के सानिध्य में प्रथम तीर्थंकार भगवान आदिनाथ के मोक्षकल्याणक पर 1008 निर्वाण लड्डू समर्पित कर बनाया जाएगा।