संस्कार भारती का उद्देष्य लोगो को अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित करना श्री शेजवलकर संस्कार भारती का नटराज पूजन एवं कला गुरू सम्मान समारोह आयोजित

Jul 21 2019


ग्वालियरः. संस्कार भारती की ग्वालियर इकाई की ओर से रविवार को नटराज पूजन एवं कला गुरु सम्मान समारोह गालव सभागार में हुआ । कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा भगवान शिव के नटराज रुपी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और संस्कार भारती के ध्येय गीत के साथ हुई। इसमें संगीतए चित्रकलाए साहित्य और थिएटर फील्ड के कला गुरुजनों को सम्मानित मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष संस्कार भारती ग्वालियर डॉ धीरेन्द्र सिंह चंदेल ने की विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री भगवान दास माणिकए श्री मनीष दीक्षित श्री शेखर दीक्षित सहित संस्कार भारती के सदस्य उपस्थित थे। 
        मुख्य अतिथि सांसद श्री विवेक नारायाण शेजवलकर ने कहा कि 16 गुरूओं का सम्मान कर हम गौरवांवित हैंए गुरू प्रेणा देेने का कार्य करता है। संस्कार भारती द्वारा गुरूओं का पूजन कर अनूठा योगदान देता है समाज में। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में एक गुरू बनाना चाहिए। सांसद श्री शेजवलकर ने कहा कि जीवन में हर व्यक्ति कलाकार है वह कुछ ना कुछ करता ही रहता है। कलाकार तपस्वी होता है वह खुद तो आंनदित होता है साथ ही दूसरों को भी आंनदित करता है। संस्कार भारती का उद्देश्य लोगो को अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित करना होता है तथा हम अपनी भूमिका का सही तरीके से निर्वहन कर सके। संस्कार भारती का दूसरा यह सबसे बडा पूजन होता है जिसमें भगवान नटराज का पूजन किया जाता है। 
         अध्यक्ष संस्कार भारती ग्वालियर डॉण् धीरेन्द्र सिंह चंदेल ने कहा कि गुरूपूर्णिमा उत्सव को श्संस्कार भारतीश्श् कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था प्रतिवर्ष नटराज पूजन के रूप में आयोजित करती है। समाज के विभिन्न वर्गों में कला के द्वारा राष्ट्रभक्ति एवं योग्य संस्कार जगानेए विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण व नवोदित कलाकारों को प्रोत्साहन देकर इनके माध्यम से सांस्कृतिक प्रदूषण रोकने के उद्देश्य से संस्कार भारती कार्य कर रही है। 1954 में संस्कार भारती की परिकल्पना की गई थी। 1982 मंे लखनउ में प्रथम अधिवेशन संस्कार भारती का आयोजित किया गया था आज पूरे देश में 1500 से उपर इकाईयां काम कर रही हैं।                  
कला गुरू सम्मान
         कार्यक्रम में कला गुरू सम्मान उन गुरूओं को दिया गया जिन्होने  शिक्षाए नाट्यए पुरातत्वए साहित्यए चित्रकलाए नृत्यए संगीत के क्षेत्र में अपना अनूठा योगदान दिया है। सम्मान पाने वालों में शिक्षा के क्षेत्र में डॉण् सुनील सिंह राठौरए श्रीमती किरण भदौरियाए नाट्य क्षेत्र में श्री केण्जीण् एमण् दुबेए श्री अनिल शर्माए डॉण् हिमांशु द्विवेदीए श्री लोकेश चतुर्वेदीए श्री नन्दलाल बत्राए पुरातत्व के क्षेत्र में डाम्ण् रामअवतार शर्माए साहित्य के क्षेत्र में डॉण् आलोक शर्माए चित्रकला के क्षेत्र में डॉण् कुसुम भिण्डवार डॉ श्रीमती नीता पहारिया नृत्य के क्षेत्र में डॉण् श्रीमती अंजना झाए डॉण् मानव महन्तए संगीत के क्षेत्र में डॉ सुनील पावगीए डॉण् श्रीमती रंजना टोणपे उस्ताद अब्दुल हनीफ खान को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया।