दूसरों को आनंद दे वही असली आनंद ण् कलेक्टर श्री अनुराग चैधरी राज्य आनन्द संस्थान द्वारा जिला स्तरीय आनंदक सम्मेलन आयोजित

Jun 27 2019

 

 मध्य प्रदेश शासन अध्यात्म विभाग के राज्य आनंद संस्थान द्वारा जिला स्तरीय आनंदक सम्मेलन का आयोजन आज गुरुवार को बाल भवन सिटी सेंटर में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कलेक्टर श्री अनुराग चैधरीए विशिष्ट अतिथी के रूप में अपर आयुक्त आबकारी विभाग श्री शिवराज वर्माए आनंदम के नोडल अधिकारी व एडिशनल कलेक्टर श्री अनूप सिंहए आनंदम के मास्टर ट्रेनी श्री प्रदीप सिंहए श्रीमती साधना श्रीवास्तवए सम्भागीय संयोजक श्री प्रेम प्रकाश सिरालेए आनंदम सहयोगी श्री एण्केण् शर्माए श्री सुधीर आचार्य सहित आनंदक उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री अनुराग चैधरी ने कहा कि जो दूसरों को आनंद दे वही असली आनंद हैए हम चाहते हैं कि लोग बदल जायें। मेरे सम्बन्धी बदल जायें समाज बदल जायेंए दुनिया बदल जायेए एक देश चाहता हैं दूसरा देश बदल जायेंए लेकिन बदलाव की शुरूआत करने की सबसे सही जगह है खुद से। कलेक्टर श्री चैधरी ने कहा कि हम वृक्ष लगाकर पर्यावरण को हराभरा कर  ग्वालियर को कुछ अच्छा देकर आनंद महसूस कर सकते हैं। आपने देखा होगा पहले गौरेया हर जगह दिख जाती थीए गिद्ध भी आपको रास्ते में दिख जाते थेए परंतु अब कुछ नही दिखता कारण क्या है कभी जानना चाहा। आज स्थिती यह है कि हम स्वच्छ वातारण के लिए तरस गये हैंए पहले पेड बहुत थे पंरतु अब कम हो गये उसका कारण आवादी बडी मकान बनेए लेकिन पेड उतनी संख्या में लगे नहीं। अगर आज हम नहीं सभंले तो आने वाली स्थिती बहुत ही दयनीय होने वाली है। जो बीत गया उसका क्या गम करना आने वाली पीढी को कुछ देकर जाना है उस पर अमल करो। पेड नही होगें तो गोरैयाए तितलीए पक्षीए गिलहरीए मधुमखीए भवरे आपको देखने को नहीं मिलेगें। मैने तो प्रण कर लिया है ग्वालियर को हरा भरा करने का मेरे साथ इस नेक काम में जो साथ आना चाहे आ सकता है। दूसरा महत्वपूर्ण कार्य है विद्या दान का। हम चाहते है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूल में एक दिन पढाने की जिम्मेदारी ले। शिक्षा के सुधार के लिए ग्वालियर के नागरिकों को ही आगे आना होगा तभी हम परिवर्तन ला सकते हैं। हमें हफते में एक दिन स्कूल में जाकर बच्चों को पडाना है उसको हर 15 दिन में रिपीटेशन कराते रहो। जिससे ग्रामीण और शहरी स्कूल के बच्चों की शिक्षा में काफी सुधार आयेगा। विद्या दान कर आप अपने आपको आनंदित महसूस कर सकते हैं। ग्वालियर में गंदगी करने वाले हमए पेड काटने वाले हमए शिक्षा देने वाले हम है हमको ही इसमें सुधार करना होगा। हम तय कर लें क्या करना है। अच्छे लोग जितना ज्यादा होगें बुराई अपने आप खत्म होती जायेगी। आनंदक बट वृक्ष बने ग्वालियर पूरे देश मे एक मिशाल बने हमे ऐसा काम करना है। प्रकृति ने जो हमे दिया है उससे ज्यादा हमे अपने बच्चों को देकर जाना है।
आनन्द एक ऐसी भीतरी अवस्था है जो जीवन के सुखण्दुख से परे हैए जिसको हम किसी धन के खरीद नहीं सकते और ना ही किसी से मांग सकते हैं ना ही कोई हमसे हमारा आनन्द छीन सकता है। आज इस भौतिकवादी दुनिया में हम लोग बाहरी वस्तुओं में आनन्द की खोज कर रहे है परन्तु वह हमारे ही भीतर विद्यमान है। आनन्द की ओर जाने की पहली सीढी है स्वंय की पहचान करना।
अपर आयुक्त आबकारी विभाग श्री शिवराज वर्मा ने कहा कि हमारी पहचान पीली टी सर्ट और पीली केप से लगता था ग्वालियर में कोई संस्था कार्य कर रही है।  ग्वालियर में आनंदको ने पूरे प्रदेश में एक पहचान बनाई थी। बहुत सारे आनंद क्लब के माध्यम से सामाजिक कार्य किये जा रहे है । आनंद कोई चीज नहीं है जो लेकर छोड दिया यह अंतरआत्मा मे बदलाव लाती है।  आनंद का जो पौधा लगाया था वह फलफूल रहा है।  हम पहले प्रति रविवार को सायकिल से शहर का भ्रमण करते थे और जरूरत मंद की मदद करत थे।  जो व्यक्ति खुद आंनदित नहीं है वह दूसरों को क्या आनंद देगा। दुनिया में अनेक समस्याये है अनेक कष्ट है उपदेश देने सभी आ जायेगें परंतु उन समस्याओं के निराकरण के लिए पहल कौन करेए आप वह आनदक बने जो दूसरो की मदद कर आनंदित हो।
नोडल अधिकारी अनांदम व अपर कलेक्टर श्री अनूप कुमार सिंह ने कहा कि आनन्द एक ऐसी भीतरी अवस्था है जो जीवन के सुखण्दुख से परे हैए जिसको हम किसी धन के माध्यम खरीद नहीं सकते और ना ही किसी से मांग सकते हैं ना ही कोई हमसे हमारा आनन्द छीन सकता है। आज इस भौतिकवादी दुनिया में हम लोग बाहरी वस्तुओं में आनन्द की खोज कर रहे है परन्तु वह हमारे ही भीतर विद्यमान है। आनन्द की ओर जाने की पहली सीढी है स्वंय की पहचान करना।
भोपाल और सम्भाग से आये आनंद विभाग के मास्टर ट्रेनी द्वारा विडियो और प्रजेंटेशन के माध्यम से अल्प विरामए फ्रीडम क्लासए लाइफ बैलेंस सीट और आनंदम की गतिविधियो की जानकारी दी तथा आनंदको ने अपने साथ हुई घटनायें एक दूसरे को शेयर कर आनंद की अनुभूति कराई।