ग्वालियर में 2233 करोड रुपए से होगीं 89 स्मार्ट सिटी परियोजनाएं पूर्ण स्मार्ट सिटीज मिशन, अमृत योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रिन्यान्वय के चार वर्ष पूर्ण होने पर केन्द्रीय मंत्री ने वीडियो कांफ्रंेसिंग से की चर्चा

Jun 25 2019

 

ग्वालियर दिनांक 25 जून 2019 - भारत सरकार के शहरी आवास विकास मंत्रालय द्वारा देश में गतिशील शहरी मिशन अर्थात अमृत, स्मार्ट सिटीज मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना 25 जून 2019 को कार्यान्वयन के चार साल पूरे हुए। इस अवसर पर केन्द्रीय शहरी आवास विकास मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से देश की सभी स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से चर्चा की। इसी के तहत ग्वालियर स्थित बाल भवन में सीईओ स्मार्ट सिटी श्री महीप तेजस्वी एवं अन्य अधिकारी वीडियो कांफ्रेसिंग में उपस्थित रहे। 
       वीडियो कांफ्रेसिंग के बाद आयोजित चर्चा के दौरान सीईओ स्मार्ट सिटी श्री महीप तेजस्वी ने बताया कि ग्वालियर शहर का चयन, भारत सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी मिशन में दूसरे चरण में किया गया। इस चरण की प्रतिस्पर्धा में ग्वालियर शहर को नौवाँ स्थान प्राप्त हुआ था। मई 2016 में ग्वालियर को स्मार्ट सिटीज चैलेंज के राउंड 2 में चुना गया।  जीएससीडीसीएल को 25 अक्टूबर, 2016 को कंपनी कानून, 2013 के तहत एक एसपीवी कंपनी के रूप में शामिल किया गया।
      जीएससीडीसीएल के गठन को एमआईसी और राज्य सरकार द्वारा सदन में आवश्यक विचार-विमर्श के बाद विधिवत अनुमोदित किया गया। पीडीएमसी कंसल्टेंसी अनुबंध पर 7 जुलाई 2017 को हस्ताक्षर किए गए।
      श्री तेजस्वी ने बताया कि ग्वालियर एससीपी 2015 के अंत में तैयार किया गया तथा सिटिजन एंगेजमेंट के माध्यम से एबीडी क्षेत्र व परियोजनाओं का चयन 1.3 लाख से अधिक नागरिकों की भागीदारी द्वारा किया गया। इसमें फाइनेंसिंग प्लान को भी शामिल किया गया,  जिसमें ‘कन्वर्जेंस‘ भी शामिल है। तत्पश्चात् राज्य एवं केंद्र सरकारों से अंतिम मंजूरी प्राप्त की गई। इसके अलावा सरकार, डिपार्टमेंट, संस्थान, उद्योग, विषय विशेषज्ञ आदि  हितधारकों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। 
      ग्वालियर स्मार्ट सिटी का लक्ष्य है “संस्कृति और विरासतों का संरक्षण करते हुए ग्वालियर में व्यापक रूप से सुधार लाना तथा आर्थिक अवसरों को प्रदान कर  शिक्षा, स्वास्थ्य व वाणिज्य का विकास करना”। इस हेतु लगभग 2233 करोड़ की लागत से 89 परियोजनाओं को निर्धारित किया गया जिन्हें क्षेत्र आधारित विकास (एबीडी) तथा पैन सिटी विकास में बाँटा गया। 
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति
       सीईओ स्मार्ट सिटी श्री महीप तेजस्वी ने बताया कि वर्तमान में 14 करोड़ लागत की परियोजनाएँ पूर्ण व लोकार्पित की जा चुकी हैं। इन परियोजनाओं में तीन पार्क - लेडीज पार्क, नेहरु पार्क व शिवाजी पार्क शामिल हैं। इन पार्कों के निर्माण से नागरिकों को स्वच्छ व्यायाम स्थल, ओपन जिम, बैडमिंटन व वॉलीबॉल कोर्ट, स्केटिंग रिंक आदि जैसी खेल सम्बंधी सुविधाएँ, योग हॉल, स्वच्छ शौचालय आदि मूलभूत सुविधाओं की प्राप्ति हुई। ज्ञात हो कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा 37 अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित स्मार्ट क्लासरूम का भी निर्माण कराया गया। यह परियोजना शासकीय विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियो को निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के स्तर पर शिक्षा प्राप्त करने में अत्यंत लाभकारी है। 
         उन्होनें बताया कि केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देती हुई “वन सिटी वन ऐप “ का विकास भी ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा कराया गया। इस ऐप में वीरांगना जैसे उपभाग हैं जो महिला सुरक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं, साथ ही ब्लड बैंक, साइबर क्राइम की ऑनलाइन शिकायत, पर्यटन व सामान्य जानकारी उपलब्ध हैं। 
        श्री तेजस्वी ने बताया कि निरंतर विकास को ध्यान में रखते हुए ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा 14 शासकीय भवनों में सौर ऊर्जा पैनल के माध्यम से सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। साथ ही जल संचय हेतु शासकीय भवनों पर रेनवॉटर हार्वेस्टिंग की जा रही है। जल संचय के भिन्न उपायों से प्राचीन बावड़ियों एवं कुओं को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। 
      श्री तेजस्वी ने बताया कि पूर्ण परियोजनाओं के अलावा 192.87 करोड़ की लागत से 24 परिजनाएं क्रियान्वयन के तहत हैं। इन परियोजनाओं में मुख्य है मोती महल स्थित एकीकृत कमांड कंट्रोल सेंटर। इस परियोजना के माध्यम से शहर की विभिन्न इकाइयों जैसे सुरक्षा व्यवस्था, यातायात व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएँ, आपातकालीन सेवाओं का समन्वयं, सी॰सी॰टी॰वी॰ कैमरों द्वारा निगरानी, स्वच्छता की निगरानी आदि महत्वपूर्ण सेवाओं का संचालन एक ही स्थान से किया जा सकेगा। इसी परिसर में इंक्युबेशन सेंटर का भी निर्माण किया जा रहा है। इस केंद्र के माध्यम से भावी उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा ग्वालियर में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। 
        कमांड कंट्रोल सेंटर के समीप ही आरएसीडीसी परियोजना का भी क्रियान्वयन गतिशील है। इस परियोजना के अन्तर्गत क्षेत्रीय शिल्पकारों की कला को राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर ले जाने के अवसर प्रदान किए जाएँगे। निर्धारित अन्तराल पर बाहर से भी शिल्पकारों को ग्वालियर बुलाया जायेगा तथा बेस्ट प्रैक्टिसेज साझा की जायेंगी। 
        बाड़ा स्थित विरासत सहेजे भवनों का जीर्णोधार भी ग्वालियर स्मार्ट सिटी की महत्वपूर्ण योजनाओं में सम्मिलित है। टाउन हॉल, पोस्ट ऑफिस, एस॰बी॰आई॰ भवन, गोरखी परिसर, शासकीय प्रेस जैसे भवन शामिल हैं। इन सभी भवनों में सौंदर्यीकरण का कार्य गतिशील है। इनके अलावा स्काउट एंड गाइड भवन में एक भव्य संग्रहालय (म्यूजियम) व तारामंडल (प्लेनेटोरियम) का भी निर्माण किया जा रहा है। इस संग्रहालय के लिए जनभागीदारी के माध्यम से “ फ्रेंड्स ओफ म्यूजियम” मुहिम के तहत प्राचीनकाल से जुड़ी वस्तुओं का संचय किया जायेगा तथा भागीदारों का नाम आगंतुकों के साथ साझा किया जायेगा। 
       प्रदूषण, बढ़ती ईंधन की कीमतों व स्वास्थ्य सम्बंधी शिकायतों का निराकरण करने वाली प्रतीक्षित योजना “पब्लिक बाइक शेयरिंग” भी पूर्ण की जा चुकी तथा शीघ्र ही इसका लोकार्पण किया जाएगा। यह परियोजना शहर में यातायात समस्याओं से भी राहत दिलाएगी तथा लास्ट माइल कंनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी। इन परियोजनाओं के अतिरिक्त 361.66 करोड़ लागत की 12 परियोजनाएँ निविदा अंतर्गत हैं तथा 213.75 करोड़ की 12 परियोजनाएँ डी॰पी॰आर॰ स्तर पर हैं। चर्चा उपरांत स्मार्ट सिटी द्वारा किए जा रहे विकास कार्याें को प्रजेन्टेशन के माध्यम से दिखाया गया।