अमृत परियोजना के कार्यों में तेजी लाएं कलेक्टर ने विधायक के साथ की समीक्षा

Jun 13 2019

 ग्वालियर शहर में अमृत परियोजना के तहत बिछाई जा रही पानी की पाइप लाईन तथा टंकी निर्माण के कार्य को तेजी के साथ किया जाए। किए जा रहे कार्यों की प्रगति एमआईएस के माध्यम से अपग्रेड की जाए। इसके साथ ही किए जा रहे कार्यों को मानचित्र पर भी प्रदर्शित कर प्रगति प्रस्तुत की जाए। यह निर्देश कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में अमृत परियोजना की समीक्षा के दौरान दिए। बैठक में ग्वालियर पूर्व के विधायक श्री मुन्नालाल गोयलए नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिनए अधीक्षण यंत्री पीएचई श्री आर एल एस मौर्यए कार्यपालन यंत्री श्री करहिया सहित अमृत परियोजना से जुड़े ठेकेदार उपस्थित थे। 

    कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने कहा कि ग्वालियर में पानी की टंकियों के निर्माण के कार्य तथा पाइप लाईन बिछाने के कार्य को तत्परता से किया जाए। उन्होंने ठेकेदारों को निर्देशित किया कि अमृत परियोजना के कार्यों में तकनीकी अधिकारी और लेबर बढ़ाई जाएए ताकि कार्य तेजी से किए जा सकें। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि पाइप लाईन बिछाने के कार्य के साथ.साथ उनको जोड़ने का कार्य भी प्राथमिकता से किया जाए। 
    कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने बैठक में कहा कि डीडीनगर फेस एफ.1 तथा महाराजा कॉम्प्लेक्स में डीएमए का कार्य पूर्ण कर पानी सप्लाई का कार्य 15 जुलाई तक चालू किया जाए। इसके साथ ही हुरावलीए महलगांव पहाड़ी और तुलसीनगर पानी की टंकी के निर्माण का कार्य भी 15 अगस्त तक पूर्ण किया जाए। 
    विधायक ग्वालियर पूर्व श्री मुन्नालाल गोयल ने बैठक में अमृत परियोजना के ठेकेदारों से कहा कि क्षेत्र में पानी की टंकियों के निर्माण कार्य तथा लाईन बिछाने के कार्य में तेजी लाएंए ताकि लोगों को पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी की लाईन बिछा दी गई हैए उनको जोड़ने का कार्य भी साथ.साथ किया जाए। अमृत परियोजना के तहत किए जा रहे कार्यों में पहले से ही विलम्ब हो गया हैए अब कार्यों में तेजी लाना जरूरी है। 
    नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन ने बैठक में बताया कि अमृत परियोजना के तहत कुल 103 डीएमए बनाए जाना है। इसके साथ ही पानी की लाईन बिछाने का कार्य भी किया जाना है। उन्होंने यह भी बताया कि 10 स्थानों पर पानी की टंकी निर्माण में बाधाएं हैंए जिनको दूर किया जा रहा हैए जिनमें से तीन टंकियों के लिए वन विभाग की अनुमति आवश्यक है। शेष स्थानों पर भी टंकी निर्माण की बधाओं को दूर कर निर्माण का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जायेगा।