ओके फाउण्डेषन एवं आयोजन समिति की ओर से ग्वालियर के इतिहास में भक्तामर महाआर्चना प्रथम बार होगी भक्तामर महाआर्चन में 108 मंढनो पर 108 परिवारो द्वारा आराधान आज ग्वालियर आंचल के जैन समाज इस भक्तामर महाआर्चना में सम्मालित होगे

May 06 2019
ग्वालियर-मेडिटेषन गुरू विहसंत सागर मुनिराज एवं मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज के सानिध्य प्रतिश्ठाचार्य पं0 षषिकांत षास्त्री के मार्ग दर्षन में 7 मई प्रात 6 बजे से फूलबाग स्थित गोपालचल पर्वत पर अक्षय तृतीय पर्व पर भगवान आदिनाथ का भक्तामर महाआर्चना ग्वालियर अंचल के इतिहास में प्रथम बार 108 परिवार द्वारा 108 माढ़नो पर भक्तामर स्तोत्र विधान महाआर्चना की जाएगी। भोपाल के संगीतकार विक्की एंड पार्टी आऐगी। भक्तामर महाआर्चन में पुरूशो और महिलाऐ केषरिया वस्त्रो में बैठेगी।
भक्तामर स्तोत्र का पाठ करता है उसकी सभी बाधाएं दूर होती जाती है-मुनिश्री
मेडिटेषन गुरू विहसंत सागर मुनिराज ने बताया कि उज्जैन नगर के राजा भोज की सैनिक आज्ञा नहीं मानने पर राजा ने विरोधियों के कहने पर दिगंबर जैन मुनि मानतुंगाचार्य को कारागृह में 48 कोटड़ियों में बंद कर 48 ताले जड़ दिए और बाहर सैनिकों का पहरा बैठा दिया। मानतुंगाचार्य मुनि ने कारागृह में जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की स्तुति करते हुए भक्तामर स्तोत्र की रचना की। प्रत्येक श्लोक पर एक-एक कर 48 ताले अपने आप टूट गए। मुनिश्री आजाद होकर कारागार से बाहर आ गए। राजा भोज ने मुनिश्री से माफी मांग कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उल्लेखनीय है माना जाता है कि जो भक्तामर स्तोत्र का पाठ करता है उसकी सभी बाधाएं दूर होती जाती हैं।
भक्तामर स्तोत्र भगवान आदिनाथ की महिमा
किसी भी प्रकार की बाधा, दुख, बीमारी, कार्य में विफलता, आदि परेशानियों के निराकरण के लिए विश्व के सभी दिगंबर और श्वेतांबर जैन बंधु भक्तामर स्तोत्र का पाठ करते हैं। भक्तामर स्तोत्र में 48 संस्कृत के काव्यों के साथ भगवान आदिनाथ की स्तुति व महिमा का वर्णन करते है। हर श्लोक की अलग-अलग महत्ता एवं उपयोगिता है। अलग-अलग कार्य सिद्ध के लिए उपयोग किए जाते हैं।
भगवान का अभिशेक एवं षातिधारा होगी, 6000 हजार नरियल चढेगे
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि अक्षय तृतीय पर्व पर भगवान आदिनाथ का भक्तामर महाआर्चना पर भावान आदिनाथ का अभिशेक एवं षांतिधार होगी। आचार्यश्री कव चित्र का अनवारण एवं मुनिश्री के पदप्रक्षालन होगे। भक्तामर महाआर्चना विधान में 5000 से 6000 हजार श्रीफल नरियल में चढेगे। अक्षय तृतीय पर भगवान आदिनाथ का प्रथम आहारचार्य गन्ने कि रसंे हुआ था। वही सभी को गन्ने का रस भी वितरण ंिकया जाएग।
समारोह मे 5000 हजार फीट गोल पंडाल लगया- भक्तामर महाआर्चना के लिए 5000 हजार फीट चौडा गोल पंडाल लगाया गया है। इसमें गुरू विहसंत सागर मुनिराज एवं मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज अन्य गणो के लिए 20 बॉय 80 फीट का मंच बनाया गया है। इस मंच पर भगवान की प्रतिमाएं विराजमान होगी। मुनिश्री संसघ धर्मसभा को संम्बोधित करेगे। अन्य सासंस्कृतिक कार्यक्रम होगे। सौधर्म इंद्रो के लिए मुख्य भक्तामर मंढना बनेगा।
ग्वालियर सहित आंचल से जैन समाज के लोगा हिस्सा लेगे
भक्तामर महाआर्चना की तैयारिया ओके फाउण्डेषन कमेटी की ओर से प्रारंभ कर दी गई है। जिसमें ग्वालियर संभाग क्षेत्र डाबरा, मुरैना, भिंड, गोहद, मालनपुर, घाटीगांव, बामौर, मगरौनी, मोहना, षिवपुरी आदि जगहो से जैन समाज के लोगो सम्मालित होगे।
मुनिश्री अपने चातुर्मास की घोशण 7 मई को करेगे
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन आदर्ष कलम ने बताया कि मेडिटेषन गुरू विहसंत सागर मुनिराज एवं मुनिश्री विष्वसूर्य सागर महाराज अक्षय तृतीय पर्व पर अपने 2019 के चातुर्मास की घोशण करेगे। जिसमें भिंड, आगरा, बारसौ, मुरैना, दिल्ली, मेहगंाव एवं ग्वालियर सकल जैन समाज सामूहिक रूप से 2019 के चातुर्मास के लिए श्रीफल लेकर निवेदन करेगे। वही मुनिश्री चातुर्मास की घोशण करेगे।
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