भक्त के वश में हैं भगवान: वल्लभाचार्य

Dec 22 2025

ग्वालियर। अनंत ब्राह्ंड नायक द्वारिकाधीश भगवान सारी सृष्टि को संचालित करते हैं, उन्हें गोपियां अपने प्रेम के पाश में बांधकर जरा से माखन के लिए नाच नचाती हैं। यानि भगवान भक्त के वश में होते हैं। जैसा भक्त चाहता है भगवान वैसे ही करते हैं। यह विचार वल्लाभाचार्य महाराज ने मदन मोहन मंदिर मुरार में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छंठवे दिन व्यक्त किए। इस अवसर पर ब्रज के कलाकारों ने राधा-कृष्ण के नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।
उन्होंने गोपीगीत की विरह गाथा सुनाते हुए भक्तों की आंखे सजल कर दीं। उन्होंने कहा कि जो अपनी इंद्रियों के द्वारा भागवत रस का पान करे , वही गोपी हैं। गोपी भाव से जो भगवान को भजता है, प्रभु उसका कल्याण कर देते हैं। यम नियम प्राणायाम भी ईश्वर को पाने के मार्ग हैं। उन्होंने कहा कि मां का दर्जा ईश्वर से बढक़र है। जब जब माताओं के केस पकड़े गए, तब-तब भगवान ने अवतार लेकर दुष्टों का संहार किया है।
उन्होंने बताया कि काम निकल जाने पर लोग काम करने वाले को भूल जाते हैं। विद्यार्थी अपने आचार्य तक को भूल जाते हैं। उन्होंने उद्धव गोपी प्रसंग की भावपूर्ण व्याख्या करते हुए कहा कि उद्धव को अपने रूप और ज्ञान का बहुत अभिमान था। उनका स्वरूप द्वारिकाधीश के समान ही लगता था,लेकिन जब वे श्रीकृष्ण के कहने पर गोपियों को समझाने गोकुल पहुंचे, तो गोपियों के प्रेम के वशीभूत होकर उनके ज्ञान का सारा अभिमान चूर हो गया।
इस मौके पर प्रदीप कुमार गांगिल, जनी राकेश कुमार गुप्ता, महेश गुप्ता, अशोक कुमार, मथुरा प्रसाद जगदीश, राजेश गुप्ता महेश कोचिल, रघुराज तोमर, विनोद, रामप्रकाश, सुधीर राजकुमार, महेश, अनिल, दीपक पवन, पवन बंदील रणवीर कमल आत्माराम, अरविंद शर्मा, गिरजा शंकर भटेल,े अंजलि, संगीता, अनीता, ममता मिथलेश, मूलचंद्, दाताराम मौैजूद रहे।