मां वही जो अपने बच्चों को भक्त बना दे:वल्लभाचार्य

Dec 19 2025

ग्वालियर। श्रीमदन मोहन मंदिर मुरार में श्रीमद्भागवत कथा की अमृतवर्षा करते हुए वल्लभाचार्य महाराज ने कहा कि मां का कर्तव्य है कि वो अपने बच्चों में अच्छे संस्कारों का बीजारोपण करे तथा उन्हें भक्तिमार्ग में अग्रसर करे। मां वही है जो अपने बच्चों को भक्त बना दे।
उन्होंने कहा कि जिस मां का लाल भगवान का भजन करता है, उसकी कोख पवित्र हो जाती है, लेकिन बच्चे भजन तभी करते हैं जब उनके मां-बाप भजन करते हैं। भगवान की भक्ति में जुट जाओ और जब दुनिया ठुकराने लगे तो मान लो कि भगवान की कृपा होने वाली है। वल्लभाचार्य महाराज ने यज्ञ की महिमा बताते हुए कहा कि यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है तथा देवताओं को आहूति लगती है, इसलिए हर सनातनी को यज्ञ में आहूति जरूर डालना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भगवान की युगल भक्ति की स्वीकार हैं। सीताराम और राधेश्याम का स्मरण करें। सूर्पनखा ने सिर्फ राम को और रावण ने सिर्फ जानकी को पाने की कोशिश की, इसलिए सूर्पनखा को नाक-कान गंवाना पड़े और रावण को परिवार सहित नष्ट होना पड़ा।
महाराज ने बताया कि भगवान को एक बार साष्टांग प्रणाम करने से 100 अश्वमेज्ञ एवं राजसूय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। भगवान का दास बनने से मुक्ति मिल जाती है। संसार से मित्रता करोगे तो वह स्थाई नहीं रहेगी, लेकिन भगवान से मित्रता करोगे तो कल्याण हो जाएगा।
इस मौके पर रामप्रकाश, राकेश लवानिया, संजीव चाँदिल, विधाराम दुबे, अरविंद शर्मा, राजीव गुप्ता जयप्रकाश राजोरिया विसंबर दयाल, धर्मेंद्र, कमल अरुण संदीप कुमार सुनील दुबे, पवन तायल ओमप्रकाश राजपूत मुनिशंकर बलदेव यादव विनोद शर्र्मा सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौैजूद रहे।