भक्त का पतन नहीं होने देते भगवान-पंडित रामकृपाल

Dec 18 2025

ग्वालियर। द्वारकाधीश मंदिर थाटीपुर में श्रीमद् भागवत कथा में श्लोकों का रहस्य समझाते हुए पंडित रामकृपाल त्रिपाठी ने कहा कि पूर्ण श्रद्धावन एवं समर्पित भक्त का मन कभी कुप्रसंगवश पतन की ओर भले ही खिंचता हो, किंतु भगवान पतन की सामग्री का लोप करके भक्तों को बचाते हुए अपनी शरण से दूर नहीं होने देते। जैसे नारद का मन मां लक्ष्मी स्वरूपा विश्वमोहिनी को देखकर विवाह करने के लिए ऐसा मचला कि पूर्वकृत सारी तपस्या को भुलाकर श्रीहरि के पास कामातुर होकर सुंदरता मांगने लगे। किंतु अपने प्रिय भक्त नारद को बंदर का स्वरूप देकर सर्वथा पतन से बचा लिया और बाद में समझाया कि हे पुत्र अपनी मां स्वरूपा विश्वमोहिनी लक्ष्मी से विवाह करने से घोर नरक गामी होना पड़ता। इसलिए मैंने सुंदर की जगह बंदर स्वरूप दिया। कथावाचक ने कहा कि ईर्ष्या जलन से संसारी स्वयं को जला रहे है, जिससे उद्विग्न चित्त एवं सर्वदा दुख भोगते हैं।
 कथा में वेदप्रकाश शर्मा, अंबिकाप्रसाद पचौरी, लक्ष्मीकांत शर्मा, जमुना प्रसाद व्यास, अश्वनी शर्मा, प्रदीप श्रीवास्तव, योगेंद्र शर्मा, डॉ एसके मितल, डॉ राजेश शर्मा, डॉ केके अग्रवाल, प्रवीण भारद्वाज, हर्ष श्रीवास्तव,  राजा कौरव, रवि भारद्वाज, कमल सक्सेना, गिरवर ठेकेदार, अशोक उपाध्याय, मनोज भटेले, मलखान शर्मा, संजीव मिश्र आदि उपस्थित थे।