एचडीएफसी बैंक ने 27,000 से ज़्यादा नागरिकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग तरीकों के बारे में किया शिक्षित

Dec 16 2025

ग्वालियर। एचडीएफसी बैंक ने डिजिटल बैंकिंग जागरूकता अभियान के तहत पूरे भारत में साइबर फ्रॉड जागरूकता वर्कशॉप की एक श्रृंखला आयोजित की। बैंक ने अप्रैल 2025 से इस श्रृंखला के तहत  4 हजार से ज़्यादा वर्कशॉप आयोजित कीं, जिनमें 27 हजार से ज़्यादा नागरिकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग तरीकों के बारे में जागरूक किया गया।
इन वर्कशॉप का मकसद स्कूल और कॉलेज के छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों, सेल्फ-हेल्प ग्रुप, ग्राहकों और कर्मचारियों को शिक्षित करना था। इन इंटरैक्टिव सेशन के ज़रिए, प्रतिभागियों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग तरीकों के बारे में ज़रूरी जानकारी मिली ताकि वे साइबर फ्रॉड का शिकार न हों। वर्कशॉप में असल जि़ंदगी के उदाहरण, कहानियाँ और वीडियो शामिल थे, इनमें से कई सेशन लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों (एलईएज) के सहयोग से आयोजित किए गए थे।
वर्कशॉप में धोखेबाजों की चालों के बारे में बताया गया कि धोखेबाज डर, जल्दबाजी, लालच या मदद के अनुरोध का इस्तेमाल करके पीडि़तों को कैसे फंसाते हैं। डिजिटल अरेस्ट, इन्वेस्टमेंट स्कैम, एपीके फ्रॉड, फि़शिंग, स्मिशिंग, विशिंग, सिम स्वैप, रिमोट एक्सेस स्कैम, यूपीआई फ्रॉड आदि जैसे आम साइबर खतरों को उजागर करने के लिए असल जि़ंदगी के उदाहरण शेयर किए गए।
इस पर एचडीएफसी बैंक के मनीष अग्रवाल ने कहा, धोखाधड़ी करने वाले ग्राहकों को गुमराह करने और उनका फ़ायदा उठाने के लिए टेक्नोलॉजी के साथ सोशल इंजीनियरिंग के तरीकों का ज़्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए, नागरिकों के बीच उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अलग-अलग तरीकों के बारे में जागरूकता पैदा करना ज़रूरी है ताकि वे गोपनीय बैंकिंग डेटा शेयर न करें या बिना वेरिफ़ाई किए लिंक पर क्लिक न करें।