प्रेम में धोखा मिलने पर वकील ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

Dec 15 2025

ग्वालियर। प्रेम प्रसंग में धोखा मिलने पर एक वकील ने सोमवार को फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। 30 दिसंबर को उसकी शादी मुरैना में पदस्थ सब इंस्पेक्टर प्रेमिका से होने वाली थी। उसी से मिलने वह गया। वहां प्रेमिका अपने कमरे में एक आरक्षक के साथ थी। वकील का उस आरक्षक से विवाद हो गया। दोनों में हाथापाई भी हुई। बाद में उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रेम में मुक्ति नहीं. मृत्यु है स्टेटस शेयर किया। इस पर प्रेमिका ने ब्लेस लिखकर कमेंट भी किया था।
परिजनों का आरोप है कि प्रेम प्रसंग में धोखा मिलने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। मृत्युंजय चौहान आदर्श पुरम में किराए के मकान में रहता था। वह वकालात के साथ पीएचडी भी कर रहा था। परिजनों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
मृतक मृत्युंजय की बहन पूनम ने बताया कि मुझे मृत्युंजय के एक दोस्त का फोन आया था। कि मृत्युंजय फोन नहीं उठा रहा है। इसके बाद मैं उसके उसी दोस्त के साथ घर पहुंचीं। दरवाजा अंदर से बंद था। छत के रास्ते घर में घुसने पर मृत्युंजय फांसी के फंदे पर लटका मिला।
मृतक की मां शिवकुमारी ने बताया कि बेटे का पिछले पांच साल से मुरैना में पदस्थ एक एसआई युवती के साथ प्रेम प्रसंग में था। गत रोज उसने अपनी प्रेमिका को किसी अन्य आरक्षक के साथ कमरे में देख लिया था। इसके बाद दोनों के बीच विवाद भी हुआ था, जिसके बाद से वह अवसाद में था। 
मां का कहना है कि इस घटना के बाद मैंने उसे कई बार समझाया था। सोमवार को मैं उससे मिलने विजयपुर से ग्वालियर आई। यहां मुझे इस दुखद घटना का पता चला। मेरे पति बड़ोदरा में रहते हैं।
मां ने कहा कि अब मैं जी कर भी क्या करूंगी और किसके लिए जिऊंगी। अभी हाल ही में मृत्युंजय ने ही मेरा दिल्ली में ऑपरेशन भी करवाया था। सुबह शाम मुझे फोन करके पूछता भी था कि मां कैसी है। तकलीफ होने पर आता था और मुझे दवा भी दिलवाता था।
मृत्युंजय ने प्रेमिका के घर हुई मारपीट की शिकायत थाने में की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। तब उसने घर आकर अपनी मां को कॉल किया और रोते हुए सारी बात बताई। मां के समझाने के बावजूद भी वह इस कदर टूट चुका था कि उसने फांसी लगा ली। 
मृतक के माता-पिता दोनों काफी समय से अलग रहते हैं। पिता गुजरात के वड़ोदरा रहते हैं। बड़ा भाई मां के साथ नहीं रहता है। मां का वह इकलौता सहारा था। मां शिवकुमारी गवर्नमेंट टीचर हैं और विजयपुर के पास ही एक स्कूल में नौकरी करती हैं।