29 श्रम कानून खत्म करने के खिलाफ संहिताओं की प्रातियाँ जलाईं

Nov 30 2025

ग्वालियर। केंद्र सरकार द्वारा 29 श्रम कानून खत्म कर, लेबर कोड्स के नोटिफिकेशन जारी करने बाद पूरे देश मे ट्रेड यूनियनें विरोध कर रही हैं। ऐसी क्रम में केंद्रीय ट्रेड यूनियन ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन सेन्टर (एआईयूटीयूसी) द्वारा फूलबाग पर विरोध प्रदर्शन किया गया एवं चार श्रम संहिताओं की प्रातियाँ जलाई गईं।
इस अवसर पर एआईयूटीयूसी के प्रदेश सचिव रूपेश जैन ने कहा कि कोरोना काल में जब मजदूर कर्मचारी अपने घरों में कैद था, उस समय केंद्र सरकार ने संसद में बिना किसी बहस के चारों श्रम संहिताओं को पारित कर दिया। तब से लेकर देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनें और स्वतंत्र फेडरेशन इन द्वारा चारों श्रम संहिताओं का का विरोध किया जा रहा है। कई बार अखिल भारतीय हड़ताल करके भी विरोध कराया गया, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इस नजरअंदाज किया गया और 21 नवंबर को इन श्रम संहिता को लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
श्रम संहिताओं के लागू होने से ही देश में 29 श्रम कानून जो कि देश के मजदूर मेहनत का वर्ग ने लंबे संघर्ष के बाद हासिल किए थे, उनको खत्म कर दिया गया। इसमें कई महत्वपूर्ण कानून है जो कि मजदूरों को उनका बाजिव हक दिलाने के लिए बेहद जरूरी थे। अब मजदूरों को हड़ताल करने के लिए 42 दिन पहले नोटिस देना होगा और यदि लेबर कोर्ट में केश लंबित हो तो, मजदूर हड़ताल पर नहीं जा सकते। ऐसी तरह मजदूरों को यूनियन बनाने का अधिकार भी खत्म कर दिया गया।
देश के उद्योगपतियों को अधिक से अधिक अधिकार देने के लिए ही इज़-ऑफ-डूइंग-बिजनेस के नाम पर इन 29 श्रम कानून को खत्म कर चार श्रम संहिताओं को मजदूर वर्ग के ऊपर थोप दिया गया। यह मजदूर के ऊपर भारी कुठाराघात है। उन्होंने मजदूर कर्मचारियों से अपील की के चारों श्रम संहिताओं को रद्द करने एवं 29 श्रम कानून को पुन: बहाल करने के लिए देशव्यापी जबरदस्त आंदोलन में शामिल संगठित करें।
कार्यक्रम का संचालन प्रदीप माहौर ने किया। इस अवसर पर धर्मवीर, विपिन, राहुल, नीतू, प्रीति, भगत सिंह, प्रदीप माहौर, पुरुषोत्तम पलैया आदि उपस्थित थे।