धनतेरस सोना-चांदी खरीदने नहीं अपने जीवन में सच्चे मूल्यों को संजोने का दिन-आचार्यश्री

Oct 18 2025

ग्वालियर। आचार्यश्री सुबल सागर महाराज ने चंपाबाग धर्मशाला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि धनतेरस (धन्य तेरस) पुण्य कमाने का दिन है, जिसमें भगवान महावीर ने त्याग और ध्यान का मार्ग अपनाया था। यह भौतिक धन के बजाय आध्यात्मिक और आत्मिक धन की प्राप्ति पर केंद्रित है, और इसे दान और परोपकार के माध्यम से मनाया जाता है। धनतेरस सिर्फ सोना-चांदी खरीदने का दिन नहीं अपने जीवन में सच्चे मूल्यों को संजोने का दिन है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने कहा था कि जो व्यक्ति हमेशा धन की चिंता में लगा रहता है, वह धर्म की चिंता नहीं कर सकता। इसलिए धन कमाने के साथ-साथ पुण्य कमाने के लिए भी समय निकालना चाहिए। धर्म के बिना धन अंधा है, और धन के बिना धर्म असहाय। धनतेरस हमें सिखाता है कि धन का अर्जन सत्य मार्ग से हो और उसका उपभोग सेवा मार्ग पर हो।
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का मोक्ष कल्याणक (निर्वाणोत्सव)  21 अक्टूबर को आचार्यश्री सुबल सागर महाराज संघ के मंगल सानिध्य में महावीर निर्वाण लड्डू महोत्सव होगा। निर्वाण महोत्सव के मंगल कार्यक्रम प्रात: 7 बजे से आरंभ हो जाएंगे।