कृति के रक्षा के लिए करें अथक परिश्रम: महंत नीलमणि दास

Oct 17 2025

ग्वालियर। सभी भक्त प्रकृति को ही भगवान मानते है, अत: सभी भक्त प्रकृति के रक्षा के लिए अपना अथक परिश्रम करें। उक्त कथा का वाचन कांचमिल कम्युनिटी हॉल में कथा वाचक महंत नीलमणि दास ने श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराते हुए व्यक्त किए।
 कथा वाचक महंत नीलमणि दास ने कथा के षष्ठम दिवस में भक्तों को चीर हरण लीला, कालिया मर्दन की लीला, गिर्राज धारण कर इंद्र के कोप से व्रजवासियों की रक्षा आदि व्रज की अनेकानेक लीलाओं का रसपान कराया। महाराज ने समस्त भक्तों से कहा मां यमुना आज कितनी प्रदूषित हो गई है, गौ सडक़ों पर घूम रही है, वृक्षावली भी प्राय: नष्ट होती जा रही है, महाराज ने सभी भक्तों से निवेदन करते हुए कहा ,हम सभी भक्त प्रकृति को ही भगवान मानते है, अत: सभी भक्त प्रकृति के रक्षा के लिए अपना अथक परिश्रम करें।
कथा के परीक्षित डॉ शिवनाथ सिंह भदौरिया एवं ऊषा भदौरिया, डॉ वन्दना भदौरिया, और रूद्र प्रताप सिंह भदौरिया तोमर ने श्रीमद् भागवत की आरती की।