रिटायर्ड आबकारी अधिकारी निकला धनकुबेर, ढाई किलो सोने के बिस्किट, 75 लाख नगदी बरामद

Oct 15 2025

ग्वालियर। मध्यप्रदेश लोकायुक्त ने बुधवार तडक़े ग्वालियर और इंदौर में रिटायर्ड सहायक जिला आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के निवासों पर एक साथ छापेमारी की कार्रवाई की है। कार्रवाई के दौरान ढाई किलो सोने के आभूषण, सोने के बिस्किट सहित लाखों रुपये नगदी बरामद किए गए हैं।
बुधवार की सुबह लोकायुक्त की टीम ने रिटायर्ड सहायक जिला आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के ठाठीपुर स्थित विवेक नगर के कान्ति कुंज मकान पर छापेमारी की कार्रवाई की है।  इनके ग्वालियर के मकान पर देर शाम तक कार्रवाई जारी रही। बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र सिंह भदौरिया इंदौर में निवासरत हैं। पूरा मामला आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा है।
आय से अधिक संपत्ति मिलने की शिकायत के बाद टीम ने बुधवार की सुबह इनके ठाठीपुर स्थित विवेक नगर के कान्ति कुंज मकान पर पहुंचकर कार्रवाई की है। छापेमारी में ढाई किलो सोने के बिस्किट के साथ आभूषण मिले हैं।  इसके अलावा 75 लाख नगद भी जब्त किया गया है। इस छापेमारी में दो फ्लैट, निर्माणाधीन बंगले के साथ कई अचल सम्पत्तियां, इंदौर सहित ईटावा, ग्वालियर में भी कई बीघा पुस्तैनी जमीनें, 5 हजार विदेशी मुद्रा यूरो भी जब्त किया गया है। जिनका मूल्य साढ़े चार लाख रुपये है. बता दें कि ये अफसर फाइव स्टार में मुफ्त पार्टी से भी चर्चित हुए थे।  धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के मकान में धर्मेंद्र के साथ उनके भाई रिटायर्ड डीएसपी आरवीएस भदौरिया, एमआईटीएस के रजिस्ट्रार शैलेन्द्र सिह भदौरिया रहते हैं। मकान की नेम प्लेट पर तीनों के नाम लिखे हैं।
ऐसा पता लगा है कि रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया इटावा (उप्र) के बड़े शराब कारोबारी एके सिंह के रिश्तेदार हैं। इसलिए लोकायुक्त टीम भदौरिया का यूपी कनेक्शन भी तलाश रही है। बता दें कि भदौरिया लंबे समय तक इंदौर में पदस्थ रहे हैं। एक विवाद के बाद कुछ समय के लिए उनको अलीराजपुर जाना पड़ा था, लेकिन उसके बाद वह वापस इंदौर आ गए थे।
धर्मेंद्र सिंह भदौरिया 1987 में भर्ती हुए थे। अगस्त 2025 में रिटायरमेंट हुआ। इस दौरान उनकी वैध आय करीब दो करोड़ रुपए मानी जा रही है जबकि अभी तक 8 करोड़ रुपए का खर्च सामने आ चुका है।
जांच में यह भी सामने आया है कि उनके बेटे सूर्यांश भदौरिया फिल्मों में निवेश करते थे। बेटी का भी फिल्मों में रुपए लगाने से जुड़ा लिंक सामने आया है।
इससे पहले 2020 में शराब ठेकों की नीलामी में लापरवाही के चलते उनको निलंबित किया गया था। नीलामी समय पर नहीं होने के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी।
लोकायुक्त कार्यालय की ओर से अभी तक आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन प्रारंभिक स्तर पर छानबीन में वित्तीय लेनदेन और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज़ों के मिले होने की जानकारी मिली है।