समय सबसे शक्तिशाली है और मनुष्य के भाग्य और कर्मों को प्रभावित करता है: सुबल सागर

Oct 13 2025

ग्वालियर। समय सबसे शक्तिशाली है और मनुष्य के भाग्य और कर्मों को प्रभावित करता है। मनुष्य पर्याय में आकर यदि समय को नहीं समझा तो यह जीवन बेकार हो जाएगा। हमें मंदिर में जाकर केवल भगवान को ही देखना, उनकी आंखों के सामने अपनी आत्मा को देखना कि हमारी आत्मा भी उनके जैसी बन जाए। उस समय केवल भावों से उनकी छवि को निहारना मोबाइल को छोडक़र देना, फिर प्रभु के आपके सिवा कोई न दिखे तो जो ऊर्जा आपको मिलने लगेगी वह आपके जीवन को बदल देगी। वह समय आपको प्राप्त हो जायेगा। फिर सांसारिक कार्यों की और आपका लगाव समाप्त होना शुरु हो जायेगा। आप भी उन जैसे बनने के भावों में रम जाओगे। समय प्राप्ति में समय नहीं लगता। यह विचार आचार्यश्री सुबल सागर महाराज ने सोमवार माधवगंज स्थित दिगंबर जैन मंदिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
आचार्यश्री ने कहा कि जब मनुष्य धर्म में लगता है तो उसको अच्छे, बुरे कर्मों के बारे में पता चल जाता है। मनुष्य अपने कर्मों की वजह से ही संसार में भटक रहा है। जब तक कर्मों की निर्जरा नहीं होगी, संसार में भटकना जारी रहेगा। सब सुख और दुख का कारण कर्म ही है। संसार को पार करना है तो कर्मों को समझना पड़ेगा। दुख और सुख दोनों हमारा ही है। ये सब हमारे कर्मों का ही परिणाम है। जैसा देंगे वापस वैसा ही मिलेगा। समय बहुत बलवान होता है।
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि आचार्यश्री सुबल सागर महाराज ओर मुनिराज सुबह रेसकोर्स रोड स्थित केशरबाग से पद यात्रा शुरू की। केशर बागा से ढोल ताशे के साथ पद यात्रा रेल्वे स्टेशन, फूलबाग, शिंदे की छावनी, फालका बाजार, दौलतगंज रोड होते हुए माधवगंज जैन मंदिर पहुंचे।