जेयू: छात्र छात्राओं ने किया बटरफ्लाई सर्वे, 40 से अधिक प्रजातियों का किया अवलोकन

Sep 16 2025

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के एमएससी प्राणी शास्त्र के छात्र छात्राओं ने डब्ल्यू डब्ल्यू एफ इंडिया द्वारा बिग बटरफ्लाई मंथ 2025 पर तितली सर्वे वॉक किया। इस अवसर पर तितलियों के संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन के महत्व पर विशेष ध्यान दिया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य तितलियों की जैव विविधता के प्रति जागरूकता बढ़ाना एवं पारिस्थितिकी तंत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करना है। इसके साथ ही छात्रों के साथ-साथ आमजन को भी प्रकृति से जोडऩे और खूबसूरत जीवों की प्रकृति में भूमिका को समझने का अवसर उपलब्ध कराया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कुलगुरू डॉ. राजकुमार आचार्य के मुख्य आतिथ्य में किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे सर्वेक्षण युवाओं में प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ संरक्षण के लिए भी प्रेरित करते हैं। तितलियां जैव विविधता और पर्यावरणीय संतुलन का महत्वपूर्ण संकेतक होती हैं। डॉ. सपन पटेल ने कहा कि तितली एकलिंगी प्राणी है। तितली का दिमाग बहुत तेज होता है। देखने, सूंघने, स्वाद चखने व उडऩे के अलावा जगह को पहचानने की इनमें अद्भुत क्षमता होती है। वयस्क होने पर आमतौर पर ये उस पौधे या पेड़ के तने पर वापस आती हैं, जहां इन्होंने अपना प्रारंभिक जीवन बिताया होता है। छात्र-छात्राओं ने तितलियों की विभिन्न प्रजातियों, उनकी संख्या तथा उनका विशेष किस्म के पेड़-पौधो के प्रति आकर्षण की गणना की।
डॉ. रामकुमार लोधी एवं छात्रों द्वारा जीवाजी विश्वविद्यालय के विभिन्न स्थानों पर बटरफ्लाई की विविधता एवं जीवनचक्र का अध्ययन कर शोध पत्र प्रकाशित किया गया। जिसके अनुसार विश्वद्यिालय परिसर में 40 से अधिक प्रजातियों की तितलियां पाई गईं। छात्रों ने विभिन्न रंग-बिरंगी तितलियों का अवलोकन किया और उनकी प्रजातियों की पहचान की।
इस अवसर पर डॉ. रामकुमार लोधी, डॉ. राजेश गुर्जवार, मयंक निगम, विषय विशेषज्ञ निशांत गौर, देवयानी हलवे, रोहित उपाध्याय सहित छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।