जीवन में निर्णय सर्वोपरि है: पं. नवीन बिहारी

Jul 03 2025

ग्वालियर। जीवन में निर्णय सर्वोपरि होता है। विषम परिस्थिति में जो सही निर्णय ले लेता है, उसका निश्चिततौर पर अच्छा होता है, लेकिन आजकल लोगों की निर्णय क्षमता कमजोर होने से उनका जीवन कठिन हो रहा है। यह विचार पं नवीन बिहारी महाराज ने कोयला वाले हनुमान मोतीझील पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य के भाव में भक्ति का प्रभाव जरूरी है, लेकिन आज जीवन में श्रद्धा से ज्यादा श्रृंगार प्रवेश कर गया है। श्रंगार तो उतर जाता है, लेकिन भक्ति का रंग एक बार चढ़ गया तो जीवन का कल्याण कर देता है। आजकल कथाओं पर भी श्रंगार का असर देखने को मिल रहा है। कथाएं मनमंथन की बजाय मनोरंजन का साधन बन रही हैं। श्रृंगार में ही लगे रहोगे तो सिंद्धात कब लाओगे। 
उन्होंने कहा कि सदा पड़ोसियों से रिश्ते अच्छे रखें, क्योंकि मुसीबत में सबसे नजदीक पड़ोसी ही होता है। रिश्ते नातेदार जो बाद में आते हैं, पड़ोसी ही पहले काम आता है. इसी तरह बाहरी रिश्ते कितने ही अच्छे हों, भाई बांधवों से सदा प्रेम बनाए रखें, क्योंकि मुसीबत में भाई और परिवार सदा आपके साथ खड़ा रहता है। उन्होंने झयोधन को लेकर कहा कि जिसके पास गलत धन है, वही योधन हैं। जो दूसरों की संपत्ति हड़प लेता है, दूसरा का हिस्सा खा लेता है, ऐसा धन जीवन में कभी शांति नहीं लाता है। इस मौके पर मंदिर के चरण सेवक संतोष भैया, कथा संयोजक प्रेम बरोनियां, डॉ राकेश रायजादा, निरंजन शर्मा, कथा परीक्षत सुंदरलाल दीवान, लीलावती बघेल, रूमाली आदराम, टीकाराम, रामबेटी समैत सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।