एसपी ऑफिस में महिला ने पिया फिनाइल,जेएएच में भर्ती कराया

Jul 01 2025

ग्वालियर। मंगलवार दोपहर पुलिस जनसुनवाई में पहुंची एक 35 साल की महिला ने फिनाइल पी लिया। आनन-फानन में महिला को इलाज के लिए जेएएच के पॉइजन वार्ड में भर्ती कराया गया है।
महिला काफी समय से अपने और बच्चों के साथ हुई गलत हरकत को लेकर मामला दर्ज कराने के लिए माधौगंज थाना और महिला थाने के चक्कर काट रही थी, लेकिन पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही थी।
जब महिला का सब्र टूट गया, तो उसने मंगलवार को एसपी ऑफिस में चल रही जनसुनवाई में पहुंचकर यह कदम उठाया। अब इस घटना पर पुलिस अफसर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं। पुलिस अफसरों का कहना है कि वे महिला को बुला रहे थे, लेकिन वह नहीं आ रही थी।
महिला ने दो युवकों पर लगाए गंभीर आरोप
दिल्ली निवासी 35 वर्षीय महिला की शादी साल 2009 में सिकंदर कंपू निवासी युवक से हुई थी। महिला के दो बच्चे हैं। जिसमें बेटी की उम्र 15 साल है और बेटे की उम्र 13 साल है। साल 2021 में महिला के पति का देहांत हो गया था, तभी से महिला मजदूरी कर बच्चों का पालन पोषण कर रही थी।
महिला ने बताया है कि चार साल पहले दिल्ली से उसके पहचान वाले आशीष मेहता व पुनीत कुमार आए थे। वह बच्चों को दिल्ली पढ़ाई और काम के लिए ले गए थे। लेकिन रास्ते और दिल्ली पहुंचकर हमारा शारीरिक शोषण किया था। बच्चों के साथ गलत हरकत की थी। जिसके बाद मैं अपने बच्चों को वापस ले आई थी। 
उसी मामले में मैं लगातार माधौगंज थाना और महिला थाना के चक्कर लगा रही थी। पर पुलिस मेरी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था। बार-बार माधौगंज थाना से भगा दिया जाता था। महिला का कहना है कि वह परेशान हो चुकी थी।
मंगलवार को महिला अपने बेटा-बेटी के साथ एसपी की जनसुनवाई में पहुंची। यहां महिला ने शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर उसने साथ लाई फिनाइल की बोतल खोली और पी लिया। यह देख वहां मौजूद पुलिस जवान व अफसरों के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में महिला और उसके बच्चों को तत्काल पुलिस वाहन से जेएएच पहुंचाया गया है, जहां महिला को पॉइजन वार्ड में भर्ती कर लिया गया है।
लगातार पीडि़त जनसुनवाई में ऐसा कदम उठा रहे
ग्वालियर में पिछले कुछ समय में देखने में आया है कि कलेक्ट्रेट, एसपी ऑफिस या नगर निगम की जनसुनवाई में इस तरह के कदम उठा रहे हैं। इससे पहले एक पीडि़त ने कलेक्ट्रेट में आग लगा ली थी, जबकि एसपी ऑफिस में भी कई बार इस तरह के कदम पीडि़त पक्ष उठा चुके हैं।